हिमाचल प्रदेश में बिजली की कमी के चलते अघोषित कट लग सकते हैं। वजह है जलविद्युत परियोजनाओं में गाद आने से उत्पादन प्रभावित हुआ है।
प्रदेशभर में भारी बारिश के कारण बिजली बोर्ड समेत प्रदेश की लगभग सभी जलविद्युत परियोजनाओं में गाद आने से उत्पादन प्रभावित हुआ है। बिजली उत्पादन में करीब 650 मेगावाट की अनुमानित कमी दर्ज की गई है। वास्तविक समय बाजार में भी पर्याप्त बिजली की अनुपलब्धता हो गई है। बिजली बोर्ड को प्रदेश की आवश्यकता पूरी करने के लिए अब ग्रिड से सप्लाई खरीदनी पड़ रही है। ऐसे में अब प्रदेश में बिजली की कमी के चलते अघोषित कट भी लग सकते हैं। बिजली बोर्ड प्रबंधन ने सभी उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।
बिजली बोर्ड के प्रवक्ता अनुराग पराशर ने बताया है कि वास्तविक समय बाजार में पर्याप्त बिजली की अनुपलब्धता ने इस समस्या और भी जटिल बनाते हुए इस संबंध में बिजली उपलब्धता की मंजूरी को भी अप्रत्याशित रूप से सीमित कर दिया है। रियल टाइम मार्केट में 1500 मेगावाट की बोली के मुकाबले केवल 100-200 मेगावाट ही मंजूर हो पा रही है। रियल टाइम मार्केट से प्रदेश केवल 9.06 लाख यूनिट बिजली ही प्राप्त कर पा रहा है। परिणामस्वरूप बोर्ड को बिजली आपूर्ति मांग पूरी करने के लिए ग्रिड से लगभग 700 मेगावाट (12.47 एलयू) अतिरिक्त बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
इस कारण तकनीकी तौर पर कम फ्रीक्वेन्सी ग्रिड सुरक्षा के लिए खतरा भी पैदा करती है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए बिजली प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने उत्तरी क्षेत्र और एसएलडीसी (स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर) अधिकारियों से प्राप्त निर्देशों के अनुसार विभिन्न सबस्टेशनों पर लोड शेडिंग के उपाय लागू किए हैं। भारी लोड शेडिंग के बावजूद 250-350 मेगावाट का ओवर-ड्रॉल सोमवार आधी रात तक जारी रहा। आधी रात के बाद स्थिति सामान्य हो गई थी और तदनुसार ग्रिड की स्थिति के अनुसार चरणबद्ध तरीके से विद्युत आपूर्ति प्रणाली बहाल कर दी गई है।