अध्ययन 2855 किशोरों और युवाओं पर किया गया। यह अध्ययन शिमला, किन्नौर, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के 12 ब्लॉकों में किया गया। अध्ययन में खुलासा हुआ कि बच्चों में किशोरावस्था में ही धूम्रपान, तंबाकू और अल्कोहल लेने की लत पड़ रही है।
हिमाचल प्रदेश में बच्चों में किशोरावस्था में ही धूम्रपान, तंबाकू और अल्कोहल लेने की लत पड़ रही है। यह खुलासा राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं न्यूरो साइंसेज बंगलूरू के सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र, राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के किशोर स्वास्थ्य मंडल के विशेषज्ञों की ओर संयुक्त रूप से किया गया है। इसमें डॉ. प्रदीप बनांदुर, डॉ. गुरुराज गोपालकृष्णा, डॉ. जोया रिजवी और डॉ. गोपाल बेरी शामिल रहे हैं।
यह अध्ययन 2855 किशोरों और युवाओं पर किया गया। यह अध्ययन शिमला, किन्नौर, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के 12 ब्लॉकों में किया गया। इसे एक सर्वेक्षण के रूप में किया गया। इसमें पाया गया कि 213 बच्चों ने कभी न कभी धूम्रपान किया। इनमें 200 लड़के और 13 लड़कियां शामिल रहीं। इनमें से 127 सर्वेक्षण के वक्त भी धूम्रपान कर रहे थे। इनमें 122 लड़के और पांच लड़कियां थीं।
इनमें 15 साल से कम उम्र के बच्चों की बात करें तो यह 35 थे। इनमें 32 लड़के और तीन लड़कियां थीं। 15 से 18 आयु वर्ग में 130 पाए गए, जिनमें 124 लड़के और छह लड़कियां थीं।
18 साल से ऊपर के आयु वर्ग में ऐसे 48 किशोर और युवतियां थीं। इनमें से 44 लड़के और 4 लड़कियां थीं। तंबाकू चबाने वालों की बात करें तो 35 ने कभी न कभी इसे चबाया था। इनमें 34 लड़के और एक लड़की थी। इनमें से 16 सर्वेक्षण के दौरान भी चबा रहे थे, जिनमें 15 लड़के और एक लड़की थी। 208 ने कभी न कभी अल्कोहल लिया था। इनमें 177 लड़के और 31 लड़कियां थीं। 155 तो सर्वेक्षण के दौरान भी अल्कोहल ले रहे थे। इनमें 140 लड़के और 15 लड़कियां थीं।