एमडी, एमएस, डीएनबी करने के लिए अब डॉक्टरों को क्षेत्र के अनुसार अनिवार्य अवधि पूरी करनी होगी। पहले सभी एक साल की अनिवार्य अवधि पूरी करने के बाद एमबीबीएस डॉक्टर पीजी कर सकते थे। इस बार अटल मेडिकल और अनुसंधान विवि नेरचौक ने कुछ नए बदलाव किए हैं। पीजी मेडिकल करने के लिए अनिवार्य अवधि पूरी करनी ही होगी। हालांकि, यह भी प्रावधान इस बार से किया गया है कि अगर कोई यह अवधि पूरी करने के बाद भी उस क्षेत्र में सेवाएं देते हैं तो उन्हें अतिरिक्त इनसेंटिव और अंक मिलेंगे।
अटल मेडिकल एवं अनुसंधान विवि नेरचौक ने यह बदलाव इस सत्र से शुरू कर दिए हैं। इस सत्र की पीजी मेडिकल की काउंसलिंग जल्द शुरू की जाएगी, जबकि यूजी मेडिकल की काउंसलिंग शुरू हो गई है। परीक्षा नियंत्रक डॉ प्रवीण शर्मा ने कहा कि पीजी मेडिकल करने में नई व्यवस्था शुरू की गई है। अनिवार्य अवधि के साथ क्षेत्र और इनसेंटिव अंक भी तय किए हैं।
जिला, क्षेत्र, अनिवार्य अवधि और इनसेंटिव अंक
लाहौल-स्पीति के स्पीति प्राइमरी हेल्थ सेंटर, तींदी, दारचा और अन्य स्पीति क्षेत्र में पीजी के लिए डॉक्टरों की अनिवार्य अवधि एक साल होगी। इसके 10 अंक दिए जाएंगे। उधर, किन्नौर के पूह, चंबा के पांगी में भी यही अवधि और अंक दिए जाएंगे। किन्नौर के सांगला, निचार, रिकांगपिओ में 8 अंक और दो साल की अवधि होगी। शिमला, चंबा और कांगड़ा के कुछ स्वास्थ्य संस्थानों में भी यही अंक और अवधि रहेगी।
शिमला के चिड़गांव, डोडरा क्वार, चंबा के किहार, कांगड़ा के छोटा भंगाल स्वास्थ्य खंडों में दो साल की अवधि और 8 अंक मिलेंगे। शिमला के रिमेनिंग एरिया, मंडी के जंजैहली, चौहारघाटी, सिरमौर के सिल्ही, संगड़ाह में यह अवधि तीन साल और अंक छह होंगे। इसके अलावा पूरे हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में चार अंक और तीन साल की अवधि, जबकि शहरी क्षेत्र में शून्य अंक और चार साल की अवधि होगी।