ऊना, भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश उपाध्यक्ष वरिंदर कंवर ने कहा कि जिस प्रकार से हिमाचल सरकार ने प्रदेश में संस्थाओं को डी नोटिफाई किया उससे हिमाचल प्रदेश के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 1000 से अधिक संस्थान खोले थे जिससे जनता को घर द्वार सरकारी सुविधा उपलब्ध हो रही थी। बच्चों को शिक्षा और गांव वासियों को सुविधा का उपहार प्राप्त हो रहा था, पर कांग्रेस की वर्तमान सरकार को यह हजम नहीं हुआ और उन्होंने बदला बदली की भावना से इन संस्थाओं को बंद कर दिया। ऐसी पहली सरकार आई है जिसे अपनी जनता के बारे में सोचे बिना निर्णय ले लिया। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह भी कहते थे कि अगर एक बच्चे को भी शिक्षा देनी पड़े तो गांव द्वारा जाकर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अब बात कर लेते हैं सरकार चली गांव की ओर। पूर्व भाजपा सरकार ने जन मंच कार्यक्रम चलाया था, जिससे गांव क्या घर द्वार जाकर समस्याओं की पूर्ण जानकारी सरकार को मिलती थी और उसके ऊपर काम कर सरकार जनता को बड़ी राहत पहुंचती थी। पर वर्तमान सरकार ने जन मंच के कार्यक्रम को बंद कर दिए और उसका एक कार्बन कॉपी कार्यक्रम सरकार गांव द्वारा चलने का प्रयास किया पर ना सरकार गांव पहुंची ना वह कार्यक्रम धरातल पर उतरा केवल मात्र सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कांग्रेस की सरकार ने इसी प्रकार के कार्यक्रम चलाए पर जनता को सुविधा नहीं दे पाए।