हिमाचल प्रदेश में ऊंची चोटियों पर बर्फबारी होने, अपर्याप्त बारिश से बिजली का उत्पादन गिर गया है। दिसंबर में राज्य विद्युत परिषद के हाइडल प्रोजेक्टों में तय लक्ष्य से कम विद्युत उत्पादन हुआ है। नदी-नालों में पानी की आवक कम होने से हाइडल प्रोजेक्टों को उनकी क्षमता के अनुसार पानी उपलब्ध नहीं हो पाया है। इससे प्रोजेक्टों में विद्युत उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। राज्य विद्युत परिषद ने सर्दी के सीजन को देखते हुए हालांकि पहले ही विद्युत उत्पादन का लक्ष्य क्षमता से कहीं कम 72.74 मिलियन यूनिट निर्धारित किया था।
इसके बावजूद बिजली बोर्ड के 21 हाइडल प्रोजेक्टों में विद्युत उत्पादन 56.114 मिलियन यूनिट ही हो पाया है। दिसंबर में प्रदेश की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी का दौर रहा। इससे पहाड़ों पर पहले से जमी बर्फ का पिघलना बंद हो गया। इससे पर्वतमालाओं से बहने वाली नदियों व नालों में पानी की आमद कम हो गई। वहीं पिछले कुछ माह से प्रदेश में बारिश भी नहीं हो रही है। इससे भी नदियों में पानी की आमद कम हुई है। हाइडल प्रोजेक्टों की रेजरवायर में पानी का भंडारण कर कुछ समय के लिए ही विद्युत उत्पादन करना पड़ रहा है।
दिसंबर में हाइडल प्रोजेक्टों में उनकी क्षमता के अनुरूप विद्युत उत्पादन नहीं हुआ है। इस अवधि में तय लक्ष्य से करीब 17 मिलियन यूनिट कम उत्पादन हुआ है। पानी की कम आवक वजह रही है।