
आईआईटी मंडी का कैंपस अब पालमपुर के भगोटला में स्थापित होगा। इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार (नवाचार, डिजिटल तकनीक और गवर्नेंस) गोकुल बुटेल ने पालमपुर में दी। बुटेल ने बताया कि करीब 52 हेक्टेयर जमीन पर आईआईटी का कैंपस तैयार होगा। इसके लिए 21 हेक्टयर जमीन तकनीकी शिक्षा विभाग के नाम कर दी गई है। इसके अलावा कैंपस के लिए चाहिए शेष 31 हेक्टेयर जमीन वन विभाग की होने के चलते केंद्र सरकार को क्लीयरेंस के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। बुटेल आईआईटी मंडी कैटालिस्ट (संस्थान के स्टार्टअप इनक्यूबेटर) के निदेशक मंडल में भी कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा कि पालमपुर में आईआईटी का कैंपस स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास किए गए हैं। यह उसी का नतीजा है कि केंद्र ने इसके लिए मंजूरी दी है। इसके लिए पालमपुर के भगोटला गांव में 22 हेक्टेयर भूमि पहले ही तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत आईआईटी मंडी को पट्टे पर आवंटित कर दी गई है। पालमपुर पहले से ही चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय और सीएसआईआर-हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी संस्थान जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों का केंद्र है। अब आईआईटी मंडी का नया विस्तार परिसर यहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ड्रोन टेक्नोलॉजी, सतत प्रौद्योगिकी और प्रबंधन पाठ्यक्रमों जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। इससे नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।