हिमाचल प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्ती कर दी है। हिमाचल में अब जिन उत्पादकों, ब्रांड मालिकों का प्लास्टिक पैकिंग में सामान आएगा, उन्हें उतने ही प्लास्टिक का निष्पादन भी करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो ब्रांड और उत्पादकों की हिमाचल में सप्लाई बंद कर दी जाएगी। यहीं नहीं इन उत्पादकों के लाइसेंस भी रद्द किए जाएंगे। कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। हिमाचल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को उत्पादकों, आयातकों, ब्रांड मालिकों, अपशिष्ट प्रबंधन एजेंसियों और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रोसेसर, नगर निगम आयुक्त और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें उत्पादकों को प्लास्टिक एकत्र कर नष्ट करने की जिम्मेवारी लेने को कहा गया। यह बैठक हिमाचल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। हिमाचल में प्लास्टिक को हर कहीं बेतरतीब ढंग से फेंका जा रहा है। प्लास्टिक खाने से जानवरों की मौत हो रही है। हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार ने 16 फरवरी 2022 को प्लास्टिक अपशिष्ट संशोधन नियम 2022 में विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारियों के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित किए हैं। इसमें जो ब्रांड मालिक जितना प्लास्टिक पैकिंग तैयार करेगा, उतना ही प्लास्टिक भी नष्ट करना होगा। ब्रांड मालिकों को सलाह दी गई है कि वे नगर निगम और शहरी स्थानीय निकायों से निष्पादन के लिए प्लास्टिक ले सकते हैं। यह प्लास्टिक भी ब्रांड और उत्पादन मालिकों को रिसाइकिल करना होगा। जहां प्लास्टिक का निष्पादन किया गया है, उनकी ओर से ब्रांड मालिकों को प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य किया गया है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण अतिरिक्त सचिव सतपाल धीमान ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों से प्लास्टिक के संग्रह में अपना योगदान दे रहे हैं। शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त निदेशक जगन ठाकुर ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के तरीकों में आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला। नगर निगम आयुक्त सोलन जफर इकबाल ने कहा कि सोलन नगर निगम में प्लास्टिक कचरे का कुशलतापूर्वक प्रबंधन कर रहा है