
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे को लेकर एसपीजी हिमाचल पहुंच गई है। मुर्मू 5 मई को शिमला पहुंचेंगी और 9 मई को उनका दिल्ली लौटने का कार्यक्रम है। एसपीजी ने मशोबरा स्थित राष्ट्रपति निवास द रिट्रीट में सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया है। साथ ही आईआईटी मंडी और अटल टनल रोहतांग में भी एसपीजी ने मोर्चा संभाल लिया है। उनके दौरे को लेकर पुलिस मुख्यालय ने भी चौकसी बढ़ा दी है। सचिवालय सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुर्मू छुट्टियां मनाने शिमला आ रही हैं। उनके परिवार के सदस्य भी साथ होंगे।
उनके दौरे को लेकर राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से सरकार को प्रवास की जानकारी दे दी गई है। राष्ट्रपति छह मई को शिमला स्थित सेना प्रशिक्षण कमान आरट्रैक में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगी। सात मई को आईआईटी मंडी, आठ मई को अटल रोहतांग सुरंग का दौरा करने जाएंगी। उसके बाद शिमला लौट आएंगी और नौ मई को सुबह दिल्ली लौटेंगी। राष्ट्रपति दौरे की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में शनिवालय सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक होगी। बैठक में राष्ट्रपति सचिवालय, गृह मंत्रालय, प्रदेश सरकार के आला अधिकारी शामिल होंगे। उनके दौरे को लेकर अनाडेल व जुब्बड़हट्टी को भी रिजर्व रखा जाएगा।
आईआईटी मंडी में 7-8 मई को उत्सव, राष्ट्रपति बढ़ाएंगी गरिमा
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी अपने शैक्षणिक, अनुसंधान और नवाचार में 15 वर्षों की उत्कृष्ट यात्रा को भव्य आयोजन के साथ मनाएगा। संस्थान के इस भव्य आयोजन की थीम उपलब्धियों के 15 वर्ष-सीएफए 2025 रखी गई है। यह आयोजन आईआईटी मंडी के परिसर में सात और आठ मई को आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ऐतिहासिक अवसर की गरिमा बढ़ाएंगी। वह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। इस दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर्स, क्वांटम टेक्नोलॉजी, उन्नत सामग्री और उद्यमिता जैसे उभरते हुए तकनीकी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस सम्मेलन में विश्वभर के विचारशील नेताओं और शोधकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। कार्यक्रम में प्रो. रिचर्ड सीगल, प्रो. ओसामा खातिब, प्रो. रॉबर्ट विले, डॉ. रणधीर ठाकुर, प्रो. गणपति रामनाथ, प्रो. अनिर्बान बंद्योपाध्याय, प्रो. फैबियन ब्रेटेनेकर, डॉ. बिक्रमजीत बसु, डॉ. शांतनु चौधरी और डॉ. उमेश वाघमारे शामिल हैं।
आईआईटी मंडी के रजिस्ट्रार डॉ. कुमार संभव पांडेय ने बताया कि आईआईटी मंडी ने बेहद कम समय में भारत में अनुसंधान उत्कृष्टता और नवाचार का एक केंद्र बनकर उभरने में सफलता प्राप्त की है।