प्रदेश में बादल फटने, भूस्खलन व बाढ़ के चलते अब तक 1576 कच्चे-पक्के मकानों सहित दुकानों को भारी क्षति हुई है। 877 से अधिक गोशालाओं को भी नुकसान पहुंचा है।
हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से अब तक 85 लोगों की जान गई है। 129 लोग घायल हुए हैं। 34 लापता हैं। सरकार की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। बादल फटने, भूस्खलन व बाढ़ के चलते अब तक 1576 कच्चे-पक्के मकानों सहित दुकानों को भारी क्षति हुई है। 877 से अधिक गोशालाओं को भी नुकसान पहुंचा है। 881 मवेशियों की माैत हो चुकी है। नुकसान का आंकड़ा 73,912.48 लाख रुपये के पार पहुंच चुका है। वहीं सड़क हादसों में 31 लोगों की माैत हुई है। मंडी जिले में 30 जून व 1 जुलाई के मध्य आई आपदा में 409 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 789 को आंशिक नुकसान हुआ है। वहीं सीएम सुक्खू गुरुवार सुबह काफिला बीच में छोड़ आपदा प्रभावित रीला से देजी और पखरैर गांव तक पैदल पहुंचे। यहां से आगे जाने वाली सड़क का कई मीटर हिस्सा बादल फटने से गायब हो गया है। देजी गांव में बादल फटने से 11 लोग लापता हैं। सीएम ने रीला गांव पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 10, 11, 13, 14 और 15 जुलाई को राज्य के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। 12 जुलाई को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। वहीं16 जुलाई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान है। आज कांगड़ा, सिरमाैर जिले के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। जबकि 11 से 16 जुलाई तक कई भागों के लिए येलो अलर्ट है। अगले 4-5 दिनों के दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
शिमला में भी आज रुक-रुककर बारिश हो रही है। प्रदेश में गुरुवार सुबह 10:00 बजे तक 204 सड़कें, 192 बिजली ट्रांसफार्मर और 740 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित रहीं। मंडी जिले में सबसे अधिक 138 सड़कें, 124 बिजली ट्रांसफार्मर व 137 जल आपूर्ति योजनाएं बंद हैं। इसके अलावा धर्मशाला, नूरपुर और देहरा में 603 पेयजल योजनाएं ठप हैं।
बीते 24 घंटों के दाैरान धौलाकुआं में 168.5, बिलासपुर 120.4, मनाली 46.0, जुब्बड़हट्टी 44.2, नगरोटा सूरियां 42.4, पांवटा साहिब 38.4, सुजानपुर टिहरा 37.5, जटोन बैराज 34.6, नाहन 34.1 व गुलेर में 32.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। अगले 24 घंटों के दौरान चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में कम से मध्यम स्तर की बाढ़ का खतरा होने की संभावना है।