सीएम ने थुनाग में आपदा प्रभावितों के साथ बिताई रात, सुबह पैदल देजी-पखरैर गांव पहुंचे

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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीती रात सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित लोगों के साथ थुनाग विश्राम गृह में बिताई। उन्होंने पीड़ित परिवारों के दुख-दर्द को साझा करते हुए उनके बीच समय बिताया और उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।

प्रशासन की सलाह के विपरीत, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीती रात सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित लोगों के साथ थुनाग विश्राम गृह में बिताई। उन्होंने पीड़ित परिवारों के दुख-दर्द को साझा करते हुए उनके बीच समय बिताया और उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।

वहीं सीएम सुक्खू गुरुवार सुबह काफिला बीच में छोड़ आपदा प्रभावित रीला से देजी और पखरैर गांव तक पैदल पहुंचे। यहां से आगे जाने वाली सड़क का कई मीटर हिस्सा बादल फटने से गायब हो गया है। देजी गांव में बादल फटने से 11 लोग लापता हैं। सीएम ने रीला गांव पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। सीएम ने कहा कि किस तरह से आपदा ने हमारे सुंदर प्रदेश को गहरे जख्म दिए हैं। देजी और पखरैर में कई परिवारों ने अपनों को खोया है। सीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रभावित परिवारों का तुरंत सर्वेक्षण हो और किसी का भी हक न मारा जाए। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम के साथ डीसी मंडी, एसपी सहित कई कांग्रेस नेता भी माैजूद रहे।  इसके बाद सीएम ने बाड़ा पंचायत का दौरा किया और बाड़ा राहत शिविर में आपदा प्रभावितों से मिलने के बाद उनके साथ भोजन भी किया।

मौसम विभाग की ओर से क्षेत्र में रात 2:00 बजे के बाद भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था, जिसे देखते हुए प्रशासन ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र में रुकने से मना किया था। मुख्यमंत्री की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक अधिकारी उनसे बार-बार थुनाग में न रुकने का आग्रह कर रहे थे, इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों के बीच रहकर उनकी पीड़ा को साझा करने का निर्णय लिया।

थुनाग विश्राम गृह मंडी जिले का सबसे बड़ा राहत शिविर है, जिसमें इस समय 130 आपदा प्रभावितों ने शरण ली है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले इन प्रभावितों से बातचीत की, उनके हालचाल जाने और उन्हें उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का स्वयं निरीक्षण भी किया। बता दें, मंडी जिले के थुनाग में हाल ही में बादल फटने से व्यापक तबाही हुई है और कई लोग बेघर हो गए हैं। इस आपदा में राज्य में 85 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जिनमें मंडी में 17 लोग शामिल हैं। 35 से ज़्यादा लोग अभी भी लापता हैं। कई लोग बेघर हो गए हैं। सैकड़ों लोग अलग-अलग आश्रय गृहों में रह रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों की हरसंभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को संदेश भी दिया कि राहत एवं पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को राहत एवं बचाव कार्यों में तत्परता दिखाने और सरकारी योजनाओं का लाभ शीघ्र प्रभावितों तक पहुंचाने के निर्देश दिए।  बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित थुनाग के एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, ‘मैं पिछले 25 वर्षों से थुनाग में दुकान चला रहा हूं। आज मेरी 25 साल की सारी कमाई खत्म हो गई है। 50-60 लाख रुपये का सामान पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। कुछ भी नहीं बचा है। मेरा घर भी क्षतिग्रस्त हो गया है। सरकार की ओर से अभी तक कोई भी नुकसान का आकलन करने नहीं आया है।

मंडी के थुनाग में स्थापित सामुदायिक रसोईघर बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से प्रभावित लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहा है। 

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