बादल फटने से दंपती की माैत, राज्य से 470 सड़कें बाधित

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माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से आज पांच जिलों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। चंबा में भूस्खलन से मकान क्षतिग्रस्त हो गया और पति-पत्नी की माैत हो गई।

हिमाचल प्रदेश में बीती रात से लगातार जारी भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। राज्य में सोमवार सुबह 10:00 बजे तक दो नेशनल हाईवे सहित 470 सड़कें बाधित रहीं। इसके अतिरिक्त 1199 बिजली ट्रांसफार्मर व 676 जल आपूर्ति योजनाए प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 310 सड़कें व 390 बिजली ट्रांसफार्मर बंद हैं।  चंबा की चड़ी पंचायत में भूस्खलन से मकान क्षतिग्रस्त हो गया। अंदर माैजूद पति-पत्नी की इसकी चपेट में आने से माैत हो गई। मृतक की पहचान पल्लवी पत्नी सन्नी और सन्नी के रूप में हुई है। महिला पति के साथ मायके आई थी और इसी दाैरान यह घटना हो गई। सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और प्रशासन को भी सूचित किया।

विधानसभा क्षेत्र चुराह में आज स्कूल बंद रखने का फैसला लिया गया है। उपायुक्त चंबा मुकेश रेप्सवाल ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है। वहीं  मंडी के थुनाग में  हालात फिर बिगड़ गए हैं। नदी उफान पर होने से लोगों के घरों को खतरा बना हुआ है। बारिश के चलते उपमंडल में आज सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रखने का फैसला लिया गया है। इसी तरह शिमला जिले के  कुमारसैन, रोहड़ू, जुब्बल, चाैपाल, जलोग सुन्नी, ठियोग में भी आज सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।

चंबा जिले में भारी बारिश ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। जगह-जगह सड़कें बंद हो गई हैं, मक्की की फसल पानी के तेज बहाव में बह गई। चंबा- तीसा मुख्यमार्ग नकरोड व पंगोला में भूस्खलन हुआ है। नकरोड़-थली सड़क पर भी काफी क्षति होने की सूचना है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से आज दोपहर 12:00 बजे तक के लिए शिमला, सिरमाैर, चंबा, कांगड़ा व मंडी जिले के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया था। लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। राज्य में 27 जुलाई तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान है।  आज कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमाैर, जबकि 22 जुलाई को चंबा व कांगड़ा जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बीती रात कांगड़ा में 147.4, नगरोटा सूरियां 127.4, चुवाड़ी 118.3, मंडी 112.4, जोगिंद्रनगर 100.0, नाहन 95.7, पंडोह 86.0, पच्छाद 85.3, कुफरी 76.0, जटाैन बैराज 75.0, जोत 74.0, सुंदरनगर 73.3, बग्गी 73.1, गुलेर 70.4 व पालमपुर में 69.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

उधर, भारी बारिश के चलते मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। रविवार रात 10:00 बजे  से  ही 4 मील, 9 मील, बांध के नजदीक, मून होटल और फ्लाईओवर के पास पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिससे मार्ग बंद पड़ा है। बारिश के चलते पहाड़ियों से पत्थर और मलबा गिरने का सिलसिला जारी है, जिससे एनएचएआई की मशीनों को मार्ग से मलबा हटाने में कठिनाई हो रही है। लगातार बारिश के बीच मार्ग को खोलना जोखिम भरा बना हुआ है। पंडोह थाना प्रभारी एएसआई अनिल कटोच ने बताया कि एनएचएआई की टीमें मौके पर मौजूद हैं और जैसे ही बारिश में थोड़ी राहत मिलेगी, तुरंत मार्ग से मलबा हटाकर सड़क को यातायात के लिए सुरक्षित बनाया जाएगा। प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करें और अनावश्यक रूप से यात्रा से बचें। स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम हालात पर नजर बनाए हुए हैं। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए किसी भी तरह का जोखिम नहीं लिया जा रहा है।

 जिला कुल्लू में रात भर भारी बारिश होने से नदी-नाले उफान पर हैं। कई जगह भारी भूस्खलन होने से एनएच 305 सहित कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं । जनजीवन अस्त-व्यस्त होने से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ब्यास नदी के साथ-साथ तीर्थन, पिन पार्वती, जीभी खड्ड के साथ जिला के तमाम नदी-नालों में बाढ़ जैसे हालात हैं।  जिला प्रशासन ने सभी लोगों को अलर्ट रहने और दिन नालों के आसपास नहीं जाने की हिदायत दी है।

प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 20 जुलाई तक 125 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।  215 लोग घायल हुए हैं। 34 लोग अभी भी लापता हैं। इस दाैरान 55 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1385 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 952 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1296 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1,23,574.90 लाख रुपये पहुंच गया

शिमला जिला प्रशासन ने भारी बारिश के कारण जुब्बल, चौपाल, कुमारसैन, रोहड़ू और सुन्नी के जलोग में आज शिक्षण संस्थान बंद रखने का फैसला लिया है। प्रशासन ने जिले के खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) और सीएसटी को निर्देश दिए है। बरसात में स्थिति को देखते हुए प्राथमिक स्कूल बंद किए जाए। साथ ही अभिभावकों को भी भारी बारिश की स्थिति में बच्चों को घर पर रखने और शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए हैं। शिमला जिले भारी बारिश से दर्जनों सड़कें बाधित हैं। चौपाल में सबसे अधिक सड़कें प्रभावित हैं। शिमला शहर के संजौली कॉलेज के पास सड़क पर पेड़ गिर गया। रेलिंग टूट गई और यातायात बाधित हो गया।  राजीव गांधी डिग्री कॉलेज कोटशेरा के पास भूस्खलन से एक कार मलबे में दब गई

वहीं वाकनाघाट-ममलीग सड़क पर गरू के पास पहाड़ी दरकी है। इस कारण सड़क बंद हो गई है। इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। गनीमत यह रही कि जब भूस्खलन हुआ तब कोई वाहन नहीं गुजर रहा था। सड़क बंद होने से ग्रामीण नकदी फसल को लेकर सब्जी मंडी नहीं पहुंच पा रहे हैं। लोगों ने सड़क बंद होने की जानकारी लोक निर्माण विभाग को दी है। वहीं भारी बारिश के कारण खड्ड-नाले उफान पर हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे खड्डों-नालों से दूर रहें।

चुराह उपमंडल के तीसा-बैरागढ़ मुख्य मार्ग पर तरवाई पुल के समीप सोमवार सुबह भारी बारिश के कारण मलबे के साथ झरना सड़क पर बहने लगा। झरना फूटने के बाद कुछ देर तक वाहन चालकों को रूक कर इसकी गति कम होने का इंतजार करना पड़ा। करीब आधे घंटे के बाद झरने का जलस्तर कम होने पर वाहन चालकों ने सड़क को पार किया। 

ऊपरी शिमला में रविवार देर रात से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण सतलुज नदी उफान पर है। रामपुर के दत्तनगर में निथर कोयल बायल सड़क जलमग्न हो गई है। यातायात ठप होने से करीब आधा दर्जन पंचायतों का संपर्क कट गया है। उपमंडल बंगाणा क्षेत्र के कार्यवाहक एसडीएम अमित शर्मा ने सभी क्षेत्र वासियों से आग्रह किया है कि रविवार देर रात से लगातार हो रही भारी बारिश से खड्डों व नालों का जलस्तर बढ़ने लगा है। इसलिए लोग अपने बच्चों तथा पालतू पशुओं को खड्डों व नालों में न जाने दें। 

सतौन। पांवटा-शिलाई एनएच-707  सतौन के समीप चीलोंन में तीन घंटे बंद रहा। इन दौरान एक कार भी दलदल में फंस गई। तीन घंटे तक सड़क खोलने का कार्य चलता रहा। पिछले तीन-चार दिनों से रोजाना इसी जगह पर सड़क बंद हो रही है। रोजमर्रा अपने कार्य पर जाने वाले मुसाफिरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, उत्तरी गांव में लगातार भूस्खलन जारी है। रोजाना यहां इसी जगह पर भारी भूस्खलन हो रहा है। इससे आवाजाही बंद है और जोखिम भरी भी है।

कुल्लू में गड़सा नाले के बाद अब गाड़ा गुशैणी नाला में लकड़ियां बहकर आई हैं। सोमवार सुबह क्षेत्र में भारी बारिश होने के कारण नाले में बाढ़ आ गई। इस दौरान पानी और मलबे के साथ भारी मात्रा में लकड़ियां बहती हुई दिखाई दीं। जबकि पिछले दिनों कुल्लू घाटी के गड़सा नाला में भी काफी मात्रा में लकड़ियां बहकर आई थीं, लेकिन अब गाड़ागुशैणी नाला में आई लकड़ियों से भी क्षेत्र में चर्चा का माहौल बन गया है।

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