लोगों को यातायात की सुविधा देने वाली मोबाइल एप्लीकेशन बला बला और ऊना जिला में चलने वाले करीब 1000 गैर पंजीकृत ऑटो रिक्शा को लेकर बड़ा बवाल खड़ा होने लगा है। सोमवार को इन्हीं मुद्दों को लेकर आईएसबीटी में प्राइवेट बस, टैक्सी और ऑटो ऑपरेटर्स यूनियनों की संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने की, जबकि जिलाध्यक्ष महेंद्र मनकोटिया भी विशेष रूप से बैठक में पहुंचे।
राजेश पराशर ने कहा कि मोबाइल एप्लीकेशन बला-बला के करण प्राइवेट बस ऑपरेटर ही नहीं बल्कि टैक्सी ऑपरेटरों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस एप्लीकेशन के माध्यम से अपनी गाड़ी में दिल्ली तक जाने वाला कोई भी व्यक्ति पैसे लेकर सवारियों को ढोने का काम कर रहा है, जिसका सीधा असर प्रदेश सरकार के राजस्व को होने के साथ-साथ लाखों रुपए खर्च करके कमर्शियल वाहनों का संचालन कर रहे ऑपरेटरों को भी भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि इस मोबाइल एप्लीकेशन के कारोबार के कारण सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रुपए का टैक्स अदा करने वाले प्राइवेट बस ऑपरेटर नुकसान उठाने को मजबूर हो चुके हैं, जबकि दिल्ली तक टैक्सी लेकर जाने वाले लोग भी अब कम किराए में इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से भारी रिस्क उठाकर जाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जिलाभर में पंजाब नंबर के ऐसे कई ऑटो रिक्शा भी चलाए जा रहे हैं, जिनके यहां पर पंजीकरण ही नहीं हैं।
इन ऑटो संचालकों की गुंडागर्दी ऐसी है कि लोकल रूट पर चलने वाली बस के चालक परिचालक को भी यात्रियों को बिठाने से मना करने लगे हैं। इसका खामियाजा टैक्स अदा करके ऑटो का संचालन करने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर इस मोबाइल एप्लीकेशन और अनैतिक ऑटो संचालन से हर प्रकार के टैक्स अदा करते हुए काम करने वाले लोगों को अपने परिवारों का पालन-पोषण करना भी मुश्किल हो चुका है।
वहीं निजी बस ऑपरेटर यूनियन के जिलाध्यक्ष महेंद्र मनकोटिया ने उम्मीद जताई कि प्रदेश सरकार अवश्य इस मामले को सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी और सरकार के राजस्व को चूना लगाने वाले इस प्रकार के धंधे पर भी लगाम कसी जाएगी।