हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन के दौरान हुई भारी बारिश से 6,822 वन्य जीवों की मौत होने की पुष्टि हुई है। प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार इनमें 6,500 पक्षी और 322 अन्य वन्य जीव शामिल हैं।
बारिश के चलते राज्य के विभिन्न वन क्षेत्रों में वन्य जीवन को नुकसान हुआ है। बाढ़, भूस्खलन और पेड़ों के गिरने जैसी प्राकृतिक घटनाओं के कारण हजारों वन्य जीव अपने प्राकृतिक आवास से बेघर हो गए और कई ने अपनी जान गंवाई।
रिपोर्ट के मुताबिक भारी बारिश और भूस्खलन ने वन्य जीवों के आवास को बर्बाद कर दिया, जिससे उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने का अवसर नहीं मिल पाया। विशेष रूप से पक्षियों की बड़ी संख्या में मौतें घोंसलों के नष्ट होने और अत्यधिक बारिश के चलते उड़ान भरने में असमर्थता के कारण हुईं। वन क्षेत्रों में पेड़ों के गिरने और मिट्टी के धंसने से वन्य जीवों के रहने के स्थान पूरी तरह बर्बाद हो गए जिससे कई जानवर फंसे रह गए और उनकी मौत हो गई। जंगलों में जलभराव और बाढ़ के चलते वन्य जीवों के लिए भोजन तथा पानी की कमी भी मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना।
प्राकृतिक आपदा के कारण वन्य जीवों की मौत का सही आकलन करने के लिए अब वन विभाग एक व्यापक सर्वेक्षण कराने की तैयारी कर रहा है। यह सर्वेक्षण राज्य के विभिन्न वन क्षेत्रों में किया जाएगा, ताकि यह पता चल सके कि बारिश के कारण कुल कितने वन्य जीवों की मौत हुई है। अभी तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उन्हें प्रारंभिक बताया जा रहा है और सर्वेक्षण के बाद यह संख्या बढ़ने की आशंका है।