मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक दिवाली से पहले 28 अक्बतूर को सवा लाख से अधिक कर्मचारियों के खातों में डीए, वेतन और पेंशनरों को पेंशन समेत डीए मिल गया। इससे दिवाली पर उनकी खुशियां दोगुनी हो गईं। मगर प्रदेश में कर्मचारियों का एक तबका ऐसा भी है जिनको डीए तो दूर, घोषणा के मुताबिक 28 अक्तूबर को वेतन भी नहीं मिल सका। यह कर्मचारी पंचायतों में सेवाएं देने वाले ग्राम रोजगार सेवक हैं।
प्रदेश के कांगडा, पंचरुखी, पांगी, बंजार, स्वारघाट, धनाेटू, निहरी सहित 28 विकास खंडों के ग्राम रोजगार सेवकों दिवाली से पहले वेतन नहीं मिल सका। इसके बाद छुट्टियां होने के कारण इस मसले पर कोई कार्रवाई विभागीय स्तर पर नहीं हो सकी है। ग्राम रोजगार सेवक 28 अक्तूबर को वेतन न मिलने से मायूस हैं।
विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि डिजिटल हस्ताक्षर में तकनीकी खामी के कारण वेतन खाते में नहीं आया है। पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम भी डिजिटल हस्ताक्षर को ट्रेस नहीं कर पाया। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में सभी पंचायत में लगभग 1081 ग्राम रोजगार सेवक तैनात हैं।
ग्राम रोजगार सेवक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष यशवंत ठाकुर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवराज चौहान का कहना है कि प्रदेश के कई ब्लॉकों में ग्राम रोजगार सेवकों के खाते में वेतन का भुगतान सीएम की घोषणा के मुताबिक नहीं हुआ है। इससे ग्राम रोजगार सेवकों की दिवाली इस बार फीकी ही रही है। वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम देव का कहना है कि डिजिटल हस्ताक्षर की तकनीकी खामी से पैसे का भुगतान नहीं हुआ है।
स्वत: ही खाते में आ जाएगा वेतन : रॉबिन जॉर्ज
ग्रामीण विकास विभाग के सयुंक्त निदेशक रॉबिन जॉर्ज का कहना है कि विभाग ने मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक 28 अक्टूबर को ही ग्राम रोजगार सेवकों को वेतन जारी कर दिया है। मगर आगे जिला और विकास खंड स्तर पर डिजिटल हस्ताक्षर की तकनीकी खामी के चलते ग्राम रोजगार सेवकों को वेतन का भुगतान नहीं हो सका है। जैसे ही सिस्टम ठीक होगा, स्वत: ही ग्राम रोजगार सेवकों के खाते में वेतन आ जाएगा।