सामरिक दृष्टि से अहम किरतपुर-मनाली फोरलेन पर एक और टनल बनने जा रही है। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआईए) ने मंडी-पंडोह निर्माणाधीन फोरलेन पर चार से सात मील के बीच संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी हैं। संभावनाएं सिरे चढ़ीं तो यहां दो किलोमीटर लंबी सिंगल लेन टनल बनेगी। जबकि दूसरी तरफ ओपन हाईवे रहेगा। एनएचएआई ने यह फैसला बरसात के बाद पैदा हुई स्थितियों को देखते हुए लिया है। इस साल जुलाई से सितंबर तक भारी बरसात से मंडी से मनाली तक फोरलेन को भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर पहाड़ी से भूस्खलन और आ रहे मलबे ने एनएचएआई की मुश्किलें बढ़ाई हैं। कई जगह एनएच को पुरानी स्थिति में लाने के लिए काम जारी है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए एनएचएआई ने मंडी से पंडोह निर्माणाधीन फोरलेन पर चार मील से सात मील के बीच प्रस्तावित पहाड़ी के कटाई के कार्य को रोक दिया है। यहां पहाड़ी से गिरे मलबे को हटाकर पहले से मौजूद हाईवे को टू लेन बहाल करने की दिशा में काम किया जा रहा है। जबकि यहां से फोरलेन की योजना पर काम को रोक दिया गया है। यहां टनल की संभावनाएं देखी जा रही हैं। एनएचएआई ने कंसल्टिंग एजेंसी को टनल की संभावनाओं को लेकर प्रस्ताव और डीपीआर बनाने के लिए कहा है। यहां करीब दो किलोमीटर लंबी टनल बन सकती है। बता दें कि यह फोरलेन सामरिक दृष्टि के साथ पर्यटन की लिहाज से बेहद अहम है। अभी तक कुल 28 टनलकिरतपुर-मनाली फोरलेन में अभी तक कुल 28 सुरंगें बन रही हैं। इनमें कुछ सिंगललेन हैं तो कुछ डबललेन। इसी के साथ एक और सुरंग बनने से टनल का सफर पहले के मुकाबले कुुछ कम भी होगा। जबकि भूस्खलन से सफर सुरक्षित होगा और खतरा कम हो जाएगा। मंडी से पंडोह के बीच चार से सात मील में टनल बनाने का विचार चल रहा है। संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। सब कुछ तकनीकी मानकों के अनुरूप पाया गया तो यहां टनल बनाई जाएगी, ताकि यातायात भूस्खलन की वजह से प्रभावित न हो