
प्लास्टिक से बनी पानी की छोटी बोतलों का इस्तेमाल हिमाचल में प्रतिबंधित कर दिया गया है। सभी वाहनों में कार बिन्स लगाना अनिवार्य होगा। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हिमाचल जीव अनाशित कूड़ा-कचरा नियंत्रण अधिनियम-1995 की धारा 3-ए (1) के तहत इसकी अधिसूचना जारी की है।
अधिसूचना के अनुसार 500 मिलीलीटर क्षमता तक की प्लास्टिक (पीईटी) पानी की बोतलों का उपयोग विभागों, बोर्डों, निगमों और अन्य संस्थाओं की बैठकों, सम्मेलनों में प्रतिबंधित रहेगा। छोटी पीईटी बोतलों पर प्रतिबंध 1 जून 2025 से प्रभावी होगा, जिससे सरकार व निजी संस्थाएं पुराने स्टॉक निपटा सकें और आर्थिक नुकसान से बच सकें। सरकार ने वाहन में कार बिन्स न लगाने पर 10 हजार और जैविक कचरा इधर-उधर फेंकने पर 1,500 रुपये जुर्माना निर्धारित किया है। यह प्रावधान 29 अप्रैल से पूरे राज्य में लागू होंगे।
पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बुधवार को बताया कि यह निर्णय प्लास्टिक से बनी पानी की छोटी बोतलों के अत्यधिक उपयोग से पर्यावरण को नुकसान होने के चलते लिया है। यह प्रतिबंध सभी होटलों पर लागू होगा। प्लास्टिक के स्थान पर कांच की बोतलें, स्टील के कंटेनर व वाटर डिस्पेंसर जैसे पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाए जाएंगे। सरकारी संस्थाएं जागरूकता अभियान चलाएंगी।
सरकार ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को प्रतिबंधित वस्तुओं के उल्लंघन पर जुर्माने के अधिकार दिए हैं। एक बार उपयोग होने वाली प्लास्टिक की वस्तुएं, खाद्य सामग्री परोसने या उपयोग में लाई जाने वाली कंपोस्टेबल या बायोडिग्रेडेबल थालियां सड़कों, ढलानों, नालियों, जंगलों, सार्वजनिक स्थानों, मंदिर परिसरों, रेस्तरां, ढाबों, दुकानों व दफ्तरों आदि में फेंकने पर पांच हजार जुर्माने का प्रावधान किया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी और मोटर वाहन निरीक्षक उन्हीं वाहनों को पास करेंगे या पंजीकरण देंगे, जिनमें कार बिन्स लगाए गए हों।