
कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की राय को तवज्जो दी जा रही है। सीएम सुक्खू संगठन के प्रमुख पदों के लिए अलग-अलग नेताओं की ओर से सुझाए नामों पर अपनी अंतिम सहमति दर्ज करेंगे, तभी इस पर गतिरोध टूटेगा। वर्तमान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के अध्यक्ष बने रहने पर भी अभी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधते हुए ही इस संबंध में तमाम फैसले होंगे।
पांच महीने से कांग्रेस की प्रदेश, जिला और ब्लॉक स्तर की कार्यकारिणियां भंग चल रही हैं। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में बड़ी दिलचस्प स्थिति यह बनी हुई है कि प्रतिभा सिंह अकेली प्रदेशाध्यक्ष हैं। उनके साथ न तो कोई उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव हैं और न ही अन्य पदाधिकारी। जिला और ब्लॉक स्तर पर भी संगठन में कोई टीम नहीं है। इससे एक तरह से प्रदेश कांग्रेस संगठन वास्तविक अस्तिस्व में ही नहीं है। संगठन को गठित करने के लिए कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार हाईकमान संगठन की कार्यकारिणियों के गठन के मामले में सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू की राय और सहमति को खूब तवज्जो दे रहा है। खुद सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी इस मामले में फूंक-फूंककर कदम रखना चाह रहे हैं, जैसे कि उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर किया था कि एकदम से कैबिनेट के गठन के बजाय इसके लिए काफी समय लिया था। वह संगठन कार्यकारिणी के गठन के लिए भी सोच-समझकर अपनी राय देना चाहते हैं। सांगठनिक गठन में देरी का एक कारण यह भी है कि मुख्यमंत्री 2027 के विधानसभा चुनाव को लक्षित कर इस बारे में जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहते हैं, क्योंकि अभी ढाई साल का वक्त है।
आज दिल्ली जा सकते हैं सीएम, हाईकमान को दे सकते हैं अपनी अंतिम राय
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू वीरवार को नई दिल्ली जा सकते हैं। वह नई दिल्ली में कांग्रेस संगठन के गठन पर हाईकमान को अपनी अंतिम राय दे सकते हैं। सीएम सुक्खू हाईकमान को किस तरह का फीडबैक देते हैं, इस पर तमाम नेताओं की नजरें टिकी हैं।
उत्तर भारत में कांग्रेस के अकेले, देश के तीन में से एक मुख्यमंत्री हैं सुक्खू, हाईकमान का फ्रीहैंड
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू उत्तर भारत से कांग्रेस के अकेले मुख्यमंत्री हैं, जबकि देश के तीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। ऐसे में हाईकमान उन्हें पूरी तरह से फ्रीहैंड देना चाहता है। निस्संदेह पिछले वर्ष भाजपा के कथित आपरेशन लोटस को भी सीएम सुक्खू ने फेल कर अपने कद को ऊंचा किया। वर्तमान में कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं, जबकि भाजपा के 28 हैं। ऐसे में बहुमत की सरकार में फिलहाल कोई राजनीतिक चुनौती नजर नहीं आ रही है।