हिमाचल की शर्तों पर होगा सुन्नी, लुहरी, धौलासिद्ध और डुगर परियोजनाओं में उत्पादन

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Production in Sunni, Luhri, Dhaulasidh and Dugar projects will be on Himachal's terms

 सुन्नी, लुहरी, धौलासिद्ध और डुगर परियोजना में अब हिमाचल सरकार की शर्तों पर बिजली उत्पादन होगा। एसजेवीएन और एनएचपीसी की इन परियोजनाओं के अधिग्रहण से पहले ही कई निवेशकों ने इन्हें लेने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजे हैं। 12, 18 और 30 फीसदी के हिसाब से नए निवेशकों से हिमाचल की हिस्सेदारी वाली निशुल्क बिजली ली जाएगी। 40 साल बाद प्रोजेक्ट भी राज्य सरकार को लौटाना होगा। तेलंगाना सरकार ने बीते दिनों ही प्रदेश में दो परियोजनाएं ली हैं। एसजेवीएन की लुहरी स्टेज-एक (210 मेगावाट), धौलासिद्ध (66 मेगावाट), सुन्नी (382 मेगावाट) और एनएचपीसी की डुगर (500 मेगावाट) बिजली परियोजनाएं जल्द ही राज्य सरकार के अधीन आ जाएंगी। इसको लेकर आवश्यक औपचारिकताएं शुरू हो गई हैं।

बिजली कंपनियों का दावा है कि परियोजनाओं में 3,397 करोड़ का निवेश हुआ है। हालांकि, सरकार इस खर्च को 1,400 करोड़ से ज्यादा नहीं मान रही है। मूल्यांकन रिपोर्ट आने के बाद ही तय होगा कि सरकार की ओर से परियोजनाओं का अधिग्रहण करने की एवज में कंपनियों को कितनी राशि अदा करनी होगी। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कई निवेशकों ने सुन्नी, लुहरी, धौलासिद्ध और डुगर बिजली परियोजनाएं लेने के लिए इच्छा जताई है। निवेशक सरकार की शर्त पर काम करने को राजी हैं। नई ऊर्जा नीति का एसजेवीएन और एनएचपीसी पालन करने को तैयार नहीं हैं। पूर्व सरकार के समय आवंटित परियोजनाओं को देने के लिए कई नियमों में गलत तरीके से छूट देने का मुख्यमंत्री आरोप लगा रहे हैं। कंपनियों को सरकार ने दोटूक कहा था कि या तो हमारी शर्तों का पालन करो या प्रोजेक्ट वापस करो।

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