विधानसभा के शीत सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के पांच साल तक जयराम सरकार सोई रही। उपलब्ध बजट को खर्च नहीं किया। मुख्यमंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान निर्दलीय विधायक होशियार सिंह के सवाल पर पूर्व भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि इन्हें इस प्रश्न का पता लग गया था, तभी सदन से वाकआउट कर दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 2320 करोड़ और वर्ष 2021-22 में 2032 करोड़ रुपये खर्च नहीं हुए। इस दौरान प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। कुछ फंड कोविडकाल में भारत सरकार की ओर से तय औपचारिकताएं पूरी न करने के चलते नहीं खर्चे गए तो कुछ में विभागों में रिक्तियां होने और अन्य कारण बताए गए।
सूक्खू ने बताया कि अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के तहत वर्ष 2020-21 में 408.37 करोड़, 2021-22 में 611.26 करोड़ रुपए खर्च नहीं किए गए। जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 2020-21 में 381.65 करोड़, 2021-22 में 373.40 करोड़, श्रम रोजगार एवं प्रशिक्षण के तहत 2020-21 में 117.78 करोड़, 2021-22 में 21.99 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग में 2020-21 में 45.03 करोड़ और 2021-22 में 165.51 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए। वन एवं वन्य प्राणी विभाग में 2020-21 में 68.60 करोड़, 2021-22 में 58.72 करोड़, स्वास्थ्य विभाग में 2020-21 में 465.16 करोड़, 2021-22 में 360.91
करोड़, शिक्षा विभाग में 2020-21 में 589.28 करोड़, 2021-22 में 348.86 करोड़, पुलिस एवं अन्य संबद्ध विभागों में 2020-21 में 245.05 करोड़, 2021-22 में 91.62 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनकी डबल इंजन की सरकार ने पैसा खर्च नहीं किया। सरकार के मंत्री भी सोए रहे। स्वास्थ्य प्रणाली पर पैसा खर्च नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्तियों के केस हम हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में लड़ रहे हैं। कांग्रेस सरकार उपलब्ध बजट को खर्च कर रही है। हर भविष्य में भी सुनिश्चित करेंगे कि बजट समय से खर्च हो। केंद्र सरकार से भी हम पूरा शेयर लेकर रहेंगे। पूर्व की सरकार ने प्रदेश की हालत खराब कर दी है। हम पुलिस कर्मियों की डाइट मनी को बढ़ाने के भी प्रयास करेंगे। बजट उपलब्ध होते ही इसका प्रावधान किया जाएगा।