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बांग्लादेश की राजधानी ढाका में अंतराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। यह प्रतियोगिता गोजू रयु कराटे फेडरेशन द्वारा दिसंबर माह में आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में भारत, नेपाल, जिम्बावे, बांग्लादेश और अन्य देशों के खिलाडियों ने भाग लिया था। गौर तलब बात यह है कि भारत से इस प्रतियोगिता में साठ खिलाडियों ने भाग लिया था और हिमाचल से महज एक खिलाडी जिसका नाम शहज़ाद वालिया है उसने न केवल भाग लिया बल्कि कांस्य पदक जीत कर देश और प्रदेश का नाम भी रौशन किया।
वहीं, शहज़ाद के कोच शिहान संजय ठाकुर ने इस प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभाई। उन्होंने बताया की शहज़ाद की उम्र महज छे साल है लेकिन उसके बावजूद उसने अपने से बड़ी उम्र के खिलाडियों से न केवल टककर ली बल्कि नेपाल व बांग्लादेश के खिलाडियों को मात देकर भारत के लिये तीसरा स्थान हासिल किया। शहज़ाद के कोच शिहान संजय ठाकुर ने बताया कि इतनी छोटी उम्र में इतने बड़े स्तर पर प्रदर्शन करना अपने आप में ही एक बहुत बडी बात है।
शहज़ाद के पिता पुष्पिंदर वालिया और उनकी माता ने इस मौके पर ख़ुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि उन्हें शहज़ाद पर गर्व है कि वह अपने से उम्र में बडे खिलाडियों के साथ खेला और उन्हें हरा कर कांस्य पदक भी हासिल किया। उन्होंने कहा कि शहजाद वालिया को उनके कोच संजय ठाकुर ने उनके बेटे की खेल प्रतिभा को खूब निखारा जिसकी वजह से आज वह इस काबिल हुआ की वह अंतराष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल और देश का नाम रोशन कर पाया है।