मुकेश अग्निहोत्री ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की
राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज शिमला के रिज पर आयोजित एक भव्य समारोह में राज्यपाल ने इस अवसर पर मुकेश अग्निहोत्री को प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ भी दिलाई।
राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ राष्ट्रीय कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और आनंद शर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला, जितेंद्र बिट्टू और सचिन पायलट, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के परिजन, विधायकगण, कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता, वरिष्ठ अधिकारी तथा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोग भारी संख्या में इस अवसर पर उपस्थित थे।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का जीवन परिचय
मुकेश अग्निहोत्री का जन्म स्वर्गीय ओंकार चन्द शर्मा के घर 9 अक्तूबर, 1962 को हुआ। वह मूल रूप से गाँव व डाकघर गोंदपुर, जिला ऊना से संबंध रखते हैं।उन्होंने बी.एस.सी., लोक सम्पर्क एवं विज्ञापन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और एम.एस.सी गणित की शिक्षा ग्रहण की है। उनका विवाह सिम्मी अग्निहोत्री से हुआ और उनकी एक पुत्री है।उन्होंने लगभग 15 वर्षों तक देश के विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में कार्य किया। वह हिमाचल प्रदेश सरकार की प्रेस प्रत्यायन कमेटी के सदस्य, राज्य प्रेस सलाहकार समिति के सदस्य, हि.प्र. विधानसभा की प्रेस गैलरी समिति के सदस्य और राज्य सरकार की पहाड़ी भाषा समिति के सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा, वह प्रेस क्लब, शिमला, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव और प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया सैल के महासचिव रह चुके हैं।मार्च, 2003 में वह पहली बार संतोखगढ़ (अब हरोली) विधानसभा से प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। उसके उपरांत वह वर्ष 2007, 2012, 2017 और 2022 में प्रदेश विधानसभा सदस्य के रूप में पांचवीं बार निवाचित हुए। मुकेश अग्निहोत्री 2003 से 2005 तक मुख्य संसदीय सचिव तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के आवास बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। दिसंबर 2012 से 2017 के कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रदेश के उद्योग, श्रम एवं रोज़गार, संसदीय मामले और सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 2017 से 2022 तक वह सदन में नेता प्रतिपक्ष रहे। दिसंबर, 2022 में वह 14वीं विधानसभा के लिए पुनः निर्वाचित हुए हैं और प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला है।