बारिश-बर्फबारी के बाद मौसम खुल गया है लेकिन दुश्वारियां बरकरार हैं। चार नेशनल हाईवे व 473 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इसके अलावा 398 बिजली ट्रांसफार्मर ठप होने से कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट चल रहा है।
हिमाचल प्रदेश में छह दिन बारिश-बर्फबारी के बाद मौसम खुल गया है लेकिन दुश्वारियां बरकरार हैं। धूप खिलने से कुल्लू व लाहौल में हिमखंड गिरने के खतरे को देखते हुए लोगों व सैलानियों को सतर्क रहने को कहा गया है। जलोड़ी दर्रा और अटल टनल सहित लाहौल घाटी में हिमखंड का सबसे अधिक खतरा है। जिला के ग्रामीण इलाकों में दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। जगह-जगह बसें फंसी हैं और लोग पैदल चलने को मजबूर हैं।
एडीएम कुल्लू अश्वनी कुमार ने कहा कि मौसम खुलने के बाद संबंधित विभाग मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने में जुटे है। राज्य में मंगलवार सुबह 10:00 बजे तक तक चार नेशनल हाईवे व 473 सड़कें यातायात के लिए बंद थीं। इसके अलावा 398 बिजली ट्रांसफार्मर ठप होने से कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट चल रहा है। 38 जलापूर्ति स्कीमें भी बाधित चल रही हैं। सबसे ज्यादा 134 सड़कें शिमला जिले में बंद पड़ी हैं। मंडी 46, लाहौल-स्पीति 153, कुल्लू 68 और चंबा में 61 सड़कें ठप हैं।
सड़कें बहाल करने के लिए इंजीनियरों की फील्ड में तैनाती
लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश में बर्फबारी के चलते बंद पड़ी सड़कों को बहाल करने के लिए मंडल और उपमंडल स्तर के सहायक व अधिशाषी अभियंताओं को फील्ड में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। इंजीनियरों को 24 घंटे के भीतर नेशनल हाइवे, राज्य मार्ग को यातायात के लिए बहाल करने को कहा गया है। इसके बाद संपर्क सड़कें बहाल होंगी। विभाग की ओर से इंजीनियरों को सड़कें बहाल किए जाने की सूचना इंजीनियर-इन-चीफ कार्यालय में देने को कहा गया है। लोक निर्माण विभाग ने इस समय 15 हजार कर्मचारियों को फील्ड में लगाकर बर्फ हटाने में लगाया है।
हिमाचल में इस समय 645 सड़कें बंद हैं। इसमें जिला शिमला की सबसे ज्यादा 242, लाहौल स्पीति की 157, कुल्लू की 93, चंबा की 61, मंडी की 51, किन्नौर की 24, सिरमौर की 16 सड़कें और कांगड़ा की एक सड़क यातायात के लिए बाधित है। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ कार्यालय में प्रतिदिन सड़क को बहाल किए जाने की बैठकें हो रही हैं। ।लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में बर्फबारी के चलते बंद सड़कों को बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर चला हुआ है। प्रतिदिन फील्ड अधिकारियों से रिपोर्ट ली जा रही है।
12 फरवरी तक ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के सभी भागों में 12 फरवरी तक राज्य में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। हालांकि, औसत अधिकतम तापमान सामान्य से काफी नीचे रहा। मौसम खुलने से किसान-बागवान भी खेतों और बगीचों में काम कर सकेंगे। चोटियों पर कई फुट बर्फबारी से ग्लेशियरों को भी संजीवनी मिल गई है।
कहां कितना न्यूनतम तापमान
शिमला में न्यूनतम तापमान 0.8, कल्पा -5.4, धर्मशाला 3.2, ऊना 3.5, नाहन 6.1, पालमपुर 1.0, सोलन 1.6, मनाली 0.9, कांगड़ा 3.5, मंडी 4.1, बिलासपुर 6.9, हमीरपुर 3.3, चंबा 3.0, कुफरी -1.7, कुकुमसेरी -8.6, नारकंडा -3.4, भरमौर -2.2, रिकांगपिओ -1.5, सेउबाग 2.5, समदो -8.2 और सराहन में 1.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
एचआरटीसी को चार दिन में दो करोड़ का नुकसान
बर्फबारी से प्रदेश में एचआरटीसी की सेवाएं प्रभावित होने से निगम को बीते चार दिन के भीतर दो करोड़ का नुकसान हो चुका है। एचआरटीसी की एक दिन की औसत कमाई करीब दो करोड़ रुपये है। चार दिन में निगम को करीब आठ करोड़ कमाई होनी थी लेकिन सभी रूट संचालित न होने के कारण छह करोड़ ही कमाई हो सकी है। शिमला, कुल्लू, मंडी, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले में निगम के रूट सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। सोमवार को निगम के 280 रूटों पर बस सेवा प्रभावित रही। अकेले शिमला मंडल के तहत 181 रूटों पर बसें रवाना नहीं हो पाई। सड़कें बंद होने के कारण शिमला मंडल की 29 बसें अब तक मुख्यालय नहीं लौट पाई हैं। हालांकि मंगलवार से मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है जिसके चलते अगले दो दिनों में बस सेवाएं सुचारू होने की उम्मीद है।