निशुल्क कोचिंग बीच में छोड़ी तो लौटाना होगा स्टाइपेंड, अभ्यर्थियों को देना होगा शपथपत्र

Himachal If leave free coaching midway have to return stipend candidates will have to give an affidavit

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में निशुल्क कोचिंग को अगर बिना मंजूरी बीच में छोड़ा तो अभ्यर्थी को उसे दिया स्टाइपेंड लौटाना होगा। यूपीएससी की निशुल्क कोचिंग प्राप्त करने से पहले अभ्यर्थियों को शपथपत्र भी देना होगा। इसमें उन्हें कोर्स को बीच में न छोड़ने की वजह बतानी होगी। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से 125 अभ्यर्थियों को यूपीएससी की निशुल्क कोचिंग दी जाएगी।

इसके लिए सीयू प्रशासन ने 16 दिसंबर तक आवेदन मांगे हैं। इनमें एससी और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 100 सीटें निशुल्क रहेंगी, जबकि 25 सीटों को सामान्य वर्ग सहित पेड श्रेणी में रखा है। इस दौरान जिन अभ्यर्थियों की वार्षिक आय आठ लाख रुपये से कम है, वे इस निशुल्क कोचिंग के लिए पात्रता रखते हैं।

अनुसूचित जाति और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों से संबंधित इन सीटों पर कोचिंग हासिल करने वाले अभ्यर्थी को कोचिंग से पहले एक शपथ पत्र देना होगा। इस शपथ पत्र में उन्हें दर्शाना होगा कि यदि अभ्यर्थी बिना किसी ठोस कारण के निशुल्क कोचिंग के कोर्स को छोड़ता है तो उसे दिया गया स्टाइपेंड लौटाना होगा। इसके अलावा बिना किसी अनुमति के कक्षाओं से गैरहाजिरी पर भी कार्रवाई की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में 125 अभ्यर्थियों यूपीएससी की निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार से एमओयू साइन किया गया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय निशुल्क कोचिंग करवाने का माध्यम है, जबकि इस कोचिंग के लिए मापदंड केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए हैं। इनके तहत ही काम किया जा रहा है- प्रो. प्रदीप कुमार, नोडल आफिसर, डॉ. आंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र सीयू।

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