करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों पर आज आ सकता है बड़ा फैसला, मिल सकती है राहत…

Himachal News A big decision may come on Tuesday regarding jobs given on compassionate grounds

हिमाचल प्रदेश में करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों पर मंगलवार को बड़ा फैसला हो सकता है। मंगलवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में इस मामले को सुलझाने के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी की बैठक होगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और युवा सेवा एवं खेल मंत्री यादवेंद्र गोमा भी बैठक में मौजूद रहेंगे। बीते 2 साल से नौकरियों के लिए संघर्षरत सैकड़ों करुणामूलक आश्रित युवाओं को इस बैठक से राहत मिल सकती है।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि करुणामूलक आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी की राह आसान करने के लिए कई नियमों में छूट देने की तैयारी है। इसके तहत वार्षिक आयसीमा में बढ़ोतरी की जा सकती है। एक बार रिजेक्ट केस पर दोबारा विचार न करने की शर्त को भी वापस लिया जा सकता है। वन टाइम सेटलमेंट के तहत हजारों आश्रितों को राहत देने की कैबिनेट सब कमेटी ने योजना बनाई है। मंगलवार को होने वाली बैठक में कमेटी की सिफारिशों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा।

सरकारी नौकरी में रहते किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उस परिवार को करुणामूलक आधार पर नौकरी देने की व्यवस्था है। करुणामूलक आधार पर योग्यता के आधार पर सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में इस प्रकार के 3234 मामले लंबित पड़े हैं। विभागों में 1531 और निगम-बोर्ड में 1703 मामलों में आश्रित उच्च शिक्षा प्राप्त होने के कारण उच्च पदों पर नियुक्तियों की मांग कर रहे हैं। उच्च अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों का विभागों से ब्योरा कुछ माह पूर्व तलब किया था।

सरकार एक नई करुणामूलक रोजगार नीति बनाने पर विचार कर रही है। सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले लोगों को रोजगार देने के लिए उदार और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से कार्य किया जा रहा है। उच्च अधिकारियों ने बताया कि करुणामूलक आश्रितों को नौकरी देने के लिए तय 62,500 रुपये एक व्यक्ति की सालाना आय शर्त को खत्म किया जा सकता है। आय सीमा को 2.50 लाख रुपये तक तय किया जा सकता है। इसके अलावा जयराम सरकार के समय में 22 सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना को भी वापस लेने पर विचार चल रहा है। पूर्व सरकार ने इस अधिसूचना के तहत एक बार रिजेक्ट केस पर दोबारा विचार नहीं करने का फैसला लिया है। इस अधिसूचना के कारण कई करुणामूलक आश्रित नौकरी की दौड़ से बाहर हो रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *