औषधीय, औद्योगिक उपयोग के लिए ही होगी भांग की खेती, जानें क्या है सरकार की योजना

Cannabis bhang cultivation will be done for medicinal and industrial use only, know what is the govt plan

 हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती करने की तैयारी है, लेकिन औषधीय और औद्योगिक उपयोग के लिए ही खेती होगी। भांग के पौधों को बायोमास और फाइबर के स्रोत के लिए भी प्रयोग किया जाएगा। प्रदेश सरकार भांग के औषधीय उपयोग में बेहतर संभावना देख रही है। नशे के लिए भांग का उत्पादन रोकने के लिए भी पुख्ता व्यवस्था की जाएगी।  हिमाचल में भांग की औषधीय और औद्योगिक खेती से स्वरोजगार की नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। प्रदेश सरकार को भांग की खेती से राज्य में बड़े निवेश की संभावना है। विश्व के लगभग 30 देशों में भांग की खेती होती है। भांग के रेशे (फाइबर) का उपयोग टेक्सटाइल, कागज, पल्प, फर्नीचर समेत अन्य उद्योगों में होता है।

यही नहीं, कैंसर, ग्लूकोमा, मधुमेह जैसी बीमारियों के उपचार में प्रयोग की जाने वाली दवाओं के निर्माण में भी भांग का उपयोग होता है। इस सबको देखते हुए हिमाचल में भांग की खेती की संभावनाएं, बाजार की उपलब्धता तलाशी जा रही है। प्रदेश सरकार औद्योगिक व औषधीय भांग की खेती के लिए नियम, लाइसेंस, निगरानी, जांच व प्रसंस्करण से लेकर उद्योग स्थापना तक के लिए नियम तैयार करने पर विचार कर रही है।  भांग की खेती के लिए कृषि विभाग नोडल एजेंसी होगा जबकि आबकारी, स्वास्थ्य, उद्योग समेत अन्य विभागों को भी साथ जोड़ा जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के जिन स्थानों में भांग की खेत होगी, वहां सीसीटीवी कैमर और जीपीएस का प्रयोग निगरानी के लिए किया जाएगा।

खेती करने के लिए किसानों और कंपनियों को लेने होंगे लाइसेंस
भांग की खेती के लिए किसानों या कंपनियों को लाइसेंस लेने होंगे। औद्योगिक उद्देश्य के लिए भांग खुले में बोई जा सकेगी, जबकि दवाओं वाली भांग को पॉली हाउस और ग्रीन हाउस में संरक्षित तरीके से उगाया जाएगा। औद्योगिक इस्तेमाल के लिए हाइब्रिड बीजों को उगाने की व्यवस्था की जाएगी। दवाओं में उपयोग वाली भांग खुद फार्मा कंपनियां उगा सकती हैं, उनके साथ किसानों और सरकार का करार करवाया जा सकता है। दवा बनाने के लिए अगर किसान भांग उगाएंगे तो इसकी कटाई आबकारी अधिकारियों की निगरानी में होगी। एक साल में भांग की तीन फसले हो सकती हैं। यह 100 से 110 दिनों में तैयार होती है। कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय भांग उगाने का शेड्यूल बनाएंगे। राज्य में भांग बीज बैंक की स्थापना की जाएगी। कृषि व बागवानी विभाग अनुसंधान और विश्वविद्यालयों के समन्वय से बीज बैंक तैयार करेंगे। बीज वितरण, उपज की खरीद और औद्योगिक और फार्मा इकाइयों की स्थापना होगी। भांग की भूमि वाली खेती की जियो टैगिंग राजस्व, आईटी और पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग करेंगे।

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