हिमाचल को विशेष ग्रांट, आपदा राहत मिलने और आर्थिक पांबदियां हटने की उम्मीद

Union Budget: Himachal hopes to get special grant, disaster relief and removal of economic restrictions

हिमाचल प्रदेश सरकार को शनिवार को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में विशेष ग्रांट और आपदा राहत राशि मिलने की उम्मीद है। प्रदेश पर लगाई गई कई प्रकार की आर्थिक पाबंदियां हटने की आस भी है। आर्थिक संकट से जूझ रहे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सुक्खू सरकार ने केंद्र के समक्ष कई मांगे रखी हैं। सड़क, हवाई और रेल नेटवर्क बढ़ने की भी केंद्र बजट से आस है। औद्योगिकीकरण को रफ्तार देने के लिए विशेष पैकेज मिलने की उद्योगपतियों ने बजट से उम्मीद लगाई है। कामकाज प्रभावित होने का हवाला देते हुए केंद्र के समक्ष बाह्य वित्त पोषित योजनाओं के लिए लगाई सीलिंग हटाने का मामला भी उठाया है। वर्ष 2023 में भारी बरसात से नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से अभी तक विशेष राहत पैकेज नहीं दिया गया है। सरकार ने केंद्र से मामला उठाते हुए पीडीएनए में धनराशि जारी करने का आग्रह किया है। 

सड़कों के लिए लगाई गई सीलिंग हटाने, राजस्व घाटा अनुदान बढ़ाने की राज्य सरकार ने केंद्र से मांग उठाई हैं। सरकार ने राजस्व घाटा पूरा करने के लिए केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा करने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में रोपवे को शामिल करने की भी मांग उठाई गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में किए कार्यों के लिए 10 प्रतिशत स्टेट शेयर और पांच वर्षों के लिए रखरखाव लागत उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज ट्रीटमेंट, प्राकृतिक खेती, दुग्ध प्रसंस्करण के लिए भी धन उपलब्ध करवाने और एग्रो पार्क स्थापित करने को कहा गया है। प्रदेश को ”क्योटो प्रोटोकॉल” की तर्ज पर कम कार्बन उत्सर्जन वाले क्षेत्र के हिसाब से मुआवजा देने की भी मांग उठाई है। जीएसटी मुआवजे के लिए हिमाचल जैसे राज्य को जीएसटी लागू होने के कारण हुए राजस्व घाटे की भरपाई के लिए उचित व्यवस्था करने का आग्रह किया है। सीजीएसटी प्राधिकरण से प्रदेश के टोल धारकों को जारी 200 करोड़ रुपये के डिमांड नोटिस का मुद्दा भी उठाया है।

बड़ी परियोजनाओं के भू अधिग्रहण में मांगी 50 फीसदी केंद्रीय हिस्सेदारी
कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार, भानुपल्ली-बिलासपुर और चंडीगढ़-बद्दी जैसी रेल परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में कम से कम 50 प्रतिशत केंद्रीय हिस्सेदारी देने को भी कहा है। राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटा है, इसलिए इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय हिस्से का भुगतान करने में केंद्र की पूरी छूट होनी चाहिए। वन संरक्षण अधिनियम के नए प्रावधानों के तहत राज्य में नए सैटेलाइट टाउन स्थापित करने की भी मांग उठाई है।

सेब पर 100 फीसदी आयात शुल्क, जीएसटी में छूट
शिमला। केंद्रीय बजट से हिमाचल के किसान-बागवानों को कृषि की बढ़ती लागत से राहत मिलने की उम्मीद है। बागवानों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार विदेशी सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी करने का फैसला लेगी। विदेशों से भारी मात्रा में सेब आयात होने के कारण हिमाचल के बागवानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश के किसान-बागवान कृषि के लिए इस्तेमाल होने वाले यंत्रों पर जीएसटी छूट की भी मांग उठा रहे हैं। जीएसटी में कटौती से कृषि लागत घटेगी और किसान-बागवानों का मुनाफा बढ़ेगा। एमआईएस के तहत केंद्र के हिस्से में बढ़ोतरी की भी उम्मीद है।

पर्यटन विकास के लिए हवाई सेवाओं में विस्तार की उम्मीद, ब्याज दरों में कटौती और महंगाई पर अंकुश चाह रहे उद्यमी
प्रदेश के पर्यटन कारोबारियों को केंद्रीय बजट में हवाई सेवाओं के विस्तार को लेकर घोषणा की उम्मीद है। अंतरिम बजट में प्रदेश के गगल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए आर्थिक मदद, नए हवाई अड्डों के निर्माण, पर्यटन स्थलों पर आधारभूत संरचना उपलब्ध करवाने के लिए उदार आर्थिक मदद की उम्मीद है। पहाड़ी राज्य में पर्यटन विकास के लिए विशेष पैकेज जारी होने की भी उम्मीद है। हिमाचल प्रदेश के उद्यमियों को केंद्रीय बजट में ब्याज दरों में कटौती और बढ़ती महंगाई पर अंकुश के लिए प्रभावी फैसलों की उम्मीद है। उद्यमी केंद्रीय बजट से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार की भी उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसके अलावा उद्यमियों को एमएसएमई पालिसी के तहत औद्योगिक वर्गीकरण के पुनर्निर्धारण और जीएसटी काउंसिल के फैसलों के सरलीकरण की भी मांग पूरी होने की भी उम्मीद है।

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