
राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी और अभियंता सोमवार से सुबह दस से शाम पांच बजे तक ही काम करेंगे। कर्मचारियों और अभियंताओं के संयुक्त मोर्चा ने बोर्ड में हो रहे युक्तिकरण के विरोध में वर्क टू रूल ही काम करने का फैसला लिया है। इसके तहत बोर्ड कर्मी शिफ्ट टाइम के अलावा सेवाएं नहीं देंगे। 10 फरवरी को पूरे प्रदेश में बिजली कर्मचारी और अभियंता काले बिल्ले लगाकर ही काम करेंगे। सरकार के खिलाफ 11 फरवरी को हमीरपुर में जिला पंचायत होगी। इस दौरान आगामी रणनीति का एलान भी किया जाएगा।
बिजली बोर्ड को आर्थिक तौर पर मजबूत करने का तर्क देते हुए बीते दिनों ही प्रबंधन ने सरप्लस पदों को समाप्त करने का फैसला लिया है। करीब 700 अधिकारियों और कर्मचारियों के इसके तहत तबादले कर दिए गए हैं। युक्तिकरण की प्रक्रिया के तहत बोर्ड के अन्य कार्यालयों और विंग में भी सरप्लस स्टाफ की इन दिनों सूचियां बनाई जा रही हैं। सरकार और बोर्ड प्रबंधन के इस फैसले के खिलाफ कर्मचारियों, अभियंताओं और पेंशनरों के संयुक्त मोर्चा ने अब आरपार की लड़ाई का एलान कर दिया है।
युक्तिकरण की प्रक्रिया को बंद नहीं करने पर 24 फरवरी को बोर्ड कर्मियों ने सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा भी की है। संयुक्त मोर्चा के सह संयोजक हीरालाल वर्मा ने बताया कि कुछ अधिकारी बोर्ड को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री को गलत जानकारियां देकर गुमराह कर रहे हैं। बिजली बोर्ड पहले ही स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है। कर्मचारियों को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। नई भर्तियां करने की जगह पहले से सृजित पदों को समाप्त करने से कर्मचारियों में रोष पैदा हो गया है। इसके तहत ही दस फरवरी से वर्क टू रूल के तहत ही काम करने का फैसला लिया गया है।