
स्टील उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों के विरोध को देखते हुए हिमाचल सरकार ने उद्योगों पर बिजली बिल पर मिल्क और पर्यावरण उपकर 31 मार्च तक के लिए टाल दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बिजली बोर्ड को इसके निर्देश दे दिए हैं। सीएम ने उद्योगपतियों की बिजली बिल में सब्सिडी देने की मांग पर भी बोर्ड को 40 से 50 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी बहाल करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं।
बिजली बिल पर सब्सिडी न मिलने और उपकर के विरोध में बीबीएन के उद्योगपतियों ने स्टील उद्योग को 25 फरवरी से बंद करने का एलान किया था। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद अब स्टील इंडस्ट्री एसोसिएशन ने उद्योग बंद करने का अपना फैसला वापस ले लिया है। शनिवार देर शाम एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अगुवाई में अपनी मांगों को लेकर सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष मेघराज गर्ग और उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने बताया कि 31 मार्च तक दूध और पर्यावरण उपकर टालने के अलावा 40 से 50 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी बहाल करने की संभावनाएं तलाशने के सीएम ने निर्देश दिए हैं। बता दें कि प्रदेश सरकार ने एक अक्तूबर से उद्योगों को दी जा रही एक रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी बंद कर 10 पैसे दूध और 10 पैसे पर्यावरण उपकर लगाया था। प्रदेश में स्टील उद्योग में बिजली की सबसे अधिक खपत होती है।
मेघराज गर्ग ने बताया कि एक अक्तूबर से बिजली के रेट 1.20 पैसे प्रति यूनिट बढ़ गए हैं, जिससे हिमाचल में बिजली पंजाब और हरियाणा से भी महंगी हो गई है। मुख्यमंत्री ने लंबित बिलों की अदायगी किस्तों पर करने की छूट देने का आश्वासन दिया है।
स्टील इंडस्ट्री एसोसिएशन ने सीएम को समस्याओं से अवगत करवाया है। सीएम ने बिजली बोर्ड को उद्योगों के लिए बिजली पर 40 से 50 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी बहाल करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए हैं। औद्योगिक घरानों को राहत देने के लिए अगले सप्ताह तक इस मसले पर फैसला ले लिया जाएगा