
प्रवर्तन निदेशालय ने कफ सिरप ड्रग्स मामले में हिमाचल समेत दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में छापा मारा और 40.62 लाख रुपये की नकदी,1.62 करोड़ के गहने व दस्तावेजी और डिजिटल साक्ष्य जब्त जब्त किए। ईडी ने छापों के दौरान एनसीबी के दो वांछित आरोपियों गर्व भांभरी और ममता कंसल (निकेत कंसल की मां) को भी गिरफ्तार किया। ईडी अधिकारियों के मुताबिक रईस अहमद भट व अन्य के खिलाफ मामले में 13 फरवरी को छापे मारे गए। ये लोग कोडीन-आधारित कफ सिरप (सीबीसीएस) की अनधिकृत बिक्री करते थे और उससे अवैध कमाई करते थे। ईडी ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी।
ईडी के मुताबिक खांसी की दवाई का ब्रांड कोकरेक्स, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर स्थित इसके निर्माता विदित हेल्थकेयर से ‘अनधिकृत रूप से’ खरीदा गया था। इसका प्रबंध साझेदार हरियाणा के पानीपत निवासी नीरज भाटिया है। सिरप को एसएस इंडस्ट्रीज, फरीदाबाद (मालिक सुमेश सरीन) और एन के फार्मास्यूटिकल्स, कंसल फार्मास्यूटिकल्स, कंसल इंडस्ट्रीज और अन्य जैसी फर्जी कंपनियों के माध्यम से बेचा गया। इनका नियंत्रण निकेत कंसल और उनके परिवार के सदस्य करते हैं। ये परिवार दिल्ली में रहते हैं और उनके साथी गर्व भांभारी फरीदाबाद में रहता है।
20 करोड़ में खरीदी गईं सिरप की 55 लाख बोतलें
ईडी ने जांच में पाया कि 2018-24 के बीच, कंसल इंडस्ट्रीज, कंसल फार्मास्युटिकल्स, एनके फार्मास्युटिकल्स, नोवेटा फार्मा और एसएस इंडस्ट्री विदित हेल्थकेयर से कफ सिरप खरीद रहे थे और उन्हें अनधिकृत तरीके से वितरित कर रहे थे। ऐसी कई संस्थाओं के लाइसेंस दवा नियंत्रण अधिकारियों की ओर से रद्द किए गए थे। 2019-25 के बीच, एन के फार्मास्युटिकल्स और अन्य ऐसी संस्थाओं की ओर से विदित हेल्थकेयर को 20 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करके सीबीसीएस की लगभग 55 लाख बोतलें खरीदी गईं। ईडी को संदेह है कि इन्हें खुले बाजार में बेचा गया, जिससे अपराध से बड़ी मात्रा में आय हुई, जिसका बड़ा हिस्सा नकद जमा और अन्य संबंधित बैंक लेनदेन के रूप में ऐसी संस्थाओं में आया।