हिमाचल में लंबे समय तक गैरहाजिर रहने वाले शिक्षकों पर सख्ती, ब्योरा तलब; कार्रवाई की तैयारी

Himachal Pradesh Strictness on teachers who remain absent for a long time details sought

शिक्षक और गैर-शिक्षक दोनों तरह के कर्मचारियों के जानबूझकर अनुपस्थित रहने पर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। उच्च शिक्षा निदेशक ने सभी जिला अधिकारियों को पत्र जारी कर ऐसे कर्मियों का ब्योरा तलब किया है। बिना किसी वैध कारण के लंबे समय तक अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करने वाले इन शिक्षकों और गैर शिक्षकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी है।

शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि इस तरह की लापरवाही के कारण सरकारी खजाने पर काफी वित्तीय बोझ पड़ा है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यह निर्देश उन कई रिपोर्टों के जवाब में आया है, जिनमें लंबे समय तक अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के पेंशन लाभों के गलत प्रबंधन का संकेत दिया गया है। कई मामलों में इन कर्मचारियों ने ड्यूटी से लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के बावजूद पेंशन लाभ प्राप्त करना जारी रखा है।

निदेशालय ने बताया कि अगर समय पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती और अगर नियंत्रण अधिकारियों ने ऐसे मामलों की तुरंत रिपोर्ट की होती तो इन मामलों से बचा जा सकता था। दुर्भाग्य से जल्दी कार्रवाई न करने के कारण इन कर्मचारियों को उन वित्तीय संसाधनों से लाभ मिला है, जो अपनी भूमिकाओं में सक्रिय रूप से सेवा करने वालों के लिए थे। परिणामस्वरूप, निदेशालय ने अब सभी संबंधित अधिकारियों को कड़ी चेतावनी जारी की है। पत्र में कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में अधिक सतर्कता और सक्रिय उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, जिसमें विशेष रूप से उन लोगों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो अत्यधिक छुट्टी लेते हैं या लंबे समय तक काम पर नहीं आते हैं।

निदेशालय को तुरंत किया जाए सूचित
अधिकारियों को उपस्थिति रिकॉर्ड और अनुपस्थिति के किसी भी मामले पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। खासकर उन मामलों पर जो जानबूझकर किए गए लगते हैं। शिक्षा निदेशक ने कहा कि जानबूझकर अनुपस्थिति या किसी अन्य प्रकार के कदाचार का दोषी पाए जाने वाले किसी भी कर्मचारी को तुरंत निदेशालय को सूचित किया जाना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई समय पर शुरू की जा सके। इसके अलावा निर्देश में यह भी अनिवार्य किया गया है कि लंबे समय तक अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के मामलों की बिना देरी किए निदेशालय को रिपोर्ट की जानी चाहिए। अधिकारियों को निदेशालय को अपने नियंत्रण में कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज की गई या लंबित किसी भी एफआईआर की वर्तमान स्थिति भी प्रदान करने की आवश्यकता है।

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