
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के कंडक्टरों को पंजाब की तर्ज पर वेतनमान का लाभ मिलेगा। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के निर्देशों पर शनिवार को एचआरटीसी चालक-परिचालक संघ की निगम के प्रबंध निदेशक के साथ बैठक में इसको लेकर विचार-विमर्श हुआ। निगम प्रबंधन ने परिचालकों की मांग पर फैसले के लिए कमेटी बनाने का फैसला लिया है। पंजाब की तर्ज पर वेतनमान निर्धारित होने के बाद 2011 के बाद नियमित हुए करीब 4,000 कंडक्टरों का वेतन 5,000 रुपये तक बढ़ सकता है। अब तक कंडक्टरों को वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलता था। नई व्यवस्था लागू होने के बाद आठवां वेतन आयोग आने पर इन्हें लाभ मिलेगा।
कंडक्टरों को वेतनमान के लाभ के लिए किसी भी श्रेणी में नहीं रखा गया है। छठे वेतन आयोग के समय से इन्हें वेतनमान का लाभ नहीं मिल रहा। लंबे समय से ये वेतन विसंगतियां दूर करने की मांग उठा रहे हैं, जिस पर अब फैसला होने की संभावना है। चालक-परिचालक यूनियन ने निगम प्रबंधन के समक्ष दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) और चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) की तर्ज पर बिना टिकट पकड़े जाने पर कंडक्टर के साथ सवारी पर भी कार्रवाई का प्रावधान लागू करने की भी मांग उठाई है।
इन मांगों पर भी हुई चर्चा
बैठक में परिचालकों को पदोन्नति कोटा, लंबे रूट पर दिन-रात परिचालकों के लिए फ्रंट सीट आरक्षित करने, परिचालकों को बर्खास्त करने से पहले जांच करने, गलत रिपोर्ट पर निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई, रात्रि ठहराव वाले रूटों पर रात्रि भत्ते के नकद भुगतान, रात्रि ठहराव के लिए पंचायत प्रधान से व्यवस्था, नई टिकटिंग मशीनों में यूपीआई भुगतान पर टिकट न निकलने की समस्या हल करने और लगेज पाॅलिसी में सभी वस्तुओं का विवरण विस्तार देने की मांग की गई।
चालकों-परिचालकों को पंजाब की तर्ज पर वेतनमान देने के मामले में कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी के सुझावों से सरकार को अवगत करवाया जाएगा। निगम के स्तर पर जो फैसले लिए जा सकते हैं, वे तुरंत लिए जाएंगे