250 करोड़ रुपए के छात्रवृति घोटाले में हितेश गांधी ने अग्रिम जमानत की याचिका ली वापस

Himachal News Hitesh Gandhi withdraws anticipatory bail plea in Rs 250 crore scholarship scam

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में 250 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी और ऊना के केसी ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट के वाइस चेयरमैन हितेश गांधी की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका को वापस ले लिया है। न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत यह याचिका हाईकोर्ट में विचारणीय नहीं है। इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से इसे वापस लिया गया है।

राज्य में वर्ष 2012 से 2018 के बीच छात्रवृति घोटाला हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों इस मामले में संलिप्त चारों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। शीर्ष अदालत ने चारों आरोपियों को एक महीने के अंदर ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने के आदेश दिए हैं और साथ में कहा है कि अगर छह महीने के अंदर कोई नए तथ्य सामने आते हैं तो ट्रायल कोर्ट में समक्ष जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। हाईकोर्ट से याचिका वापस लेने के बाद अब इनकी गिरफ्तारी तय है। गिरफ्तार लोगों में शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधीक्षक अरविंद राज्टा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के हेड कैशियर एसपी सिंह और ऊना के केसी ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट के वाइस चेयरमैन हितेश गांधी के नाम शामिल हैं।

हिमाचल सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने वर्ष 2019 को एफआईआर दर्ज की थी। उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग में जो छात्रवृत्ति एससी, एसटी और ओबीसी के विद्यार्थियों को दी जाती थी, उसमें बड़ी गड़बड़ी पाई गई है। निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों में हजारों छात्रों के नामों के तहत बैंक खाते खोले गए, जिसके तहत छात्रवृत्ति का पैसा दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामले की जांच शुरू की।

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