हिमाचल के नए बने शहरी निकायों में तीन साल तक नहीं चुकाना होगा संपत्ति कर

Spread the love
Relief: Property tax will not have to be paid for three years in the newly formed urban bodies of Himachal

हिमाचल प्रदेश में नए अधिसूचित शहरी निकायों में शामिल हुए लोगों के लिए राहत भरी खबर है। उन्हें अगले तीन साल तक संपत्ति कर नहीं चुकाना होगा। प्रदेश सरकार ने अगले तीन साल तक पानी शुल्क ग्रामीण दरों पर ही चुकाने की छूट के बाद संपत्ति कर में भी बड़ी छूट दी है। प्रदेश सरकार ने 14 नई नगर पंचायतें, 3 नगर निगम और 2 नगर परिषद अधिसूचित की हैं। नए जोड़े गए क्षेत्रों के लोग पानी और संपत्ति कर का बोझ पड़ने के कारण सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे थे। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब 47,820 लोग लाभान्वित होंगे।

प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक पुनर्गठन के अंतर्गत 14 नई नगर पंचायतें गठित की हैं, जिनमें संधोल, धर्मपुर, बलद्वाड़ा, बनीखेत, खुंडियां, कोटला, नगरोटा सूरियां, कुनिहार, झंडूता, स्वारघाट, बड़सर, भराड़ी, बंगाणा और शिलाई शामिल हैं। इसके अलावा हमीरपुर, ऊना और बद्दी को नगर निगमों में अपग्रेड किया गया है, जबकि नादौन और बैजनाथ-पपरोला को नगर परिषदों का दर्जा प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि यह निर्णय शहरी निकायों के पुनर्गठन के कारण यहां रहने वाले लोगों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ से राहत प्रदान करने के लिए लिया गया है।

इस निर्णय से शहरी निकायों के पुनर्गठन के दौरान इन क्षेत्रों में शामिल होने वाले लोगों का जीवन स्तर प्रभावित नहीं होगा। पानी की दरों में रियायत और संपत्ति कर में छूट से इन क्षेत्रों के निवासी बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक दबाव के जीवनयापन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से न केवल लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि इन्हें बेहतर बुनियादी सुविधाएं भी सुनिश्चित होंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *