दादा को जन्म प्रमाणपत्र का तोहफा देने इंग्लैंड से शिमला पहुंचा ऑस्कर; तोश शिमला में हुए थे पैदा

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Oscar reached Shimla from England to gift a birth certificate to his grandfather

अपने दादा को 91वें जन्मदिन पर अनूठा तोहफा देने के लिए ब्रिटिश नागरिक ऑस्कर तोश हजारों किलीमीटर का सफर तय कर शिमला पहुंच गया। जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को इसे शिमला में वह चीज भी मिल गई, जिसे वह बुधवार को अपने दादा को तोहफे के तौर पर देगा।

दरअसल इंग्लैंड के हैंपशायर के रहने वाले आस्कर तोश के दादा मेलकम तोश शिमला में पैदा हुए थे। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान मेलकम का परिवार शिमला में था। मेलकम के पिता शिमला में कोई फैक्टरी चलाते थे। यहीं पर 14 मई 1934 को मेलकम का जन्म हुआ। यहां उनका बचपन भी बीता। हालांकि, पांच साल बाद ही पूरा परिवार इंग्लैंड शिफ्ट हो गया। मेलकम ने अपने पोते ऑस्कर को बताया था कि उसका जन्म शिमला में हुआ था और बचपन भी वहीं बीता था। बुधवार को मेलकम तोश का जन्मदिन है, इससे पहले ही ऑस्कर तोश शिमला पहुंचा और मंगलवार शाम करीब 4:00 बजे नगर निगम दफ्तर में जाकर अपने दादा के जन्म का रिकॉर्ड पूछा। जन्म की तारीख बताने पर स्वास्थ्य शाखा के कर्मचारियों ने पूरा रिकॉर्ड निकाल लिया। इसमें मेलकम के जन्म का पूरा ब्योरा मिल गया।

ऑस्कर बोला, दादा को दूंगा बर्थडे गिफ्ट
ऑस्कर के आवेदन पर नगर निगम ने इसे इसके दादा का जन्म प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया। यह देखकर ऑस्कर खुश हुआ। इसने कर्मचारियों से कहा कि वह बुधवार को इसे अपने दादा को मोबाइल के जरिये बर्थडे गिफ्ट के तौर पर भेजेगा। दादा को भरोसा नहीं होगा कि पोते ने शिमला में आकर उनका जन्म प्रमाणपत्र ले लिया है। नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चेतन चौहान ने कहा कि इंग्लैंड से आए युवक को उसके दादा का जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।

निगम के पास है 1870 तक का रिकॉर्ड
ब्रिटिश शासनकाल से लेकर साल 2015 तक शहर में हुए हर जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड नगर निगम के पास दर्ज है। इनमें 1870 से 1947 के दौरान शिमला में रहे अंग्रेजों का रिकॉर्ड भी शामिल है। हर साल इंग्लैड, अमेरिका से कई लोग याद के तौर पर अपने पूर्वजों के जन्म और मृत्यु के प्रमाणपत्र लेने शिमला पहुंचते हैं। यहां स्वास्थ्य शाखा के कर्मचारी इनकी तुरंत प्रमाण पत्र जारी करने में मदद करते हैं। कुछ दिन पहले अमेरिकी महिला नागरिक रोज अपने पूर्वजों के प्रमाण पत्र लेने पहुंची थी।

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