
बहुचर्चित 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिमला में दो नई एफआईआर दर्ज की हैं। धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत ईसीआईआर (एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) के नाम से ये मामले दर्ज हुए हैं। इन दो पूरक अभियोजन शिकायतों पर पीएमएलए कोर्ट शिमला ने भी संज्ञान लिया है। इस मामले में ईडी ने 10 आरोपी नामजद किए हैं। जांच एजेंसी अब तक इस मामले में 30.5 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच कर चुकी है। जिन संपत्तियों को अटैच किया है, उनमें नाहन और पंचकूला (हरियाणा) और अन्य जगहों की संपत्तियां शामिल हैं। ईडी ने यह जांच सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को आधार बनाकर शुरू की है।
इसमें उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला द्वारा ओबीसी, एससी और एसटी छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में गड़बड़ी की बात सामने आई थी। सीबीआई की जांच में सामने आया था कि संस्थानों ने गलत तरीके से छात्रवृत्ति के फंड हासिल किए। ईडी को जांच में पता चला था कि संस्थानों ने छात्रों के फर्जी विवरणों का सत्यापन कर छात्रवृत्ति राशि प्राप्त की थी। छात्रवृत्ति के लिए ऐसे छात्रों के नाम दिए जो इन संस्थानों में किसी पाठ्यक्रम में नामांकित नहीं थे। ईडी ने करीब 80 लाख की नकदी और विभिन्न बैंक खातों में आरोपियों के 2.80 करोड़ रुपये भी कर चुकी है। इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।