
हिमाचल हाईकोर्ट के अराजपत्रित कर्मचारियों को 1 जून से बढ़े 20 फीसदी वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा। यह जानकारी महाधिवक्ता अनूप रतन ने अदालत को दी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कर्मचारियों को 2 साल के भीतर चार किस्तों में यह पैसा जारी कर दिया जाएगा। सरकार इसके लिए एक रोडमैप तैयार कर रही है। कर्मचारियों को बढ़ा वेतन और एरियर 6 महीने के अंतराल में दिया जाएगा। अदालत के आदेशों की अनुपालना करते हुए मामले को कैबिनेट के समक्ष रखा गया है। कैबिनेट ने इसके लिए सीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है, जो मामले को देख रही है।
मामले में अदालत के आदेशों की अनुपालना न करने पर न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह केके पंत को कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के आदेश दिए थे। महाधिवक्ता ने कहा कि क्योंकि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम पहले से तय था। इस आधार पर एसीएस कोर्ट में पेश नहीं हो सके, लेकिन उनकी ओर से अदालत में एक हलफनामा दायर किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में वित्तीय हालत ठीक न होने की वजह से कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन सरकार अगले बजट में इसके लिए प्रावधान कर रही है। 1 जून से ही सरकार कर्मचारियों को इसका लाभ देना शुरू कर देगी।
सरकार पर मामले में कर्मचारियों के 100 करोड़ से भी अधिक की देनदारियां हैं। हाईकोर्ट के कर्मचारियों को 2006 के बाद बढ़ा हुआ वेतन लाभ जारी नहीं किया गया है। इसको लेकर हाईकोर्ट में वर्ष 2018 में याचिका दायर की गई। सरकार ने आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। शीर्ष अदालत ने उसे भी खारिज कर दिया। कर्मचारियों का कहना है कि सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक वे काम करते हैं, लेकिन इसके बदले उन्हें न तो एरियर दिया गया है और न ही 20 फीसदी वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया है।