पंचायती राज चुनाव में रिजर्वेशन के लिए 2011 की ही जनगणना बनेगी आधार

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हिमाचल में पंचायती राज संस्थाओं के नवंबर-दिसंबर में होने वाले चुनाव में वर्ष 2011 की जनगणना के दौरान दर्ज हुई जनसंख्या ही आधार बनेगी। पहले से ही मौजूद जनसंख्या के आधार पर नए सिरे इस बार रोस्टर तैयार होगा। पंचायतों में रिजर्वेशन रोस्टर को तैयार करने का कार्य अगले माह से शुरू होने की संभावना है।

जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश पंचायती राज संस्थाओं का पांच वर्ष का कार्यकाल दिसंबर माह में पूरा होने जा रहा है। चुनाव के लिए जिला प्रशासन के साथ पंचायती राज विभाग भी जुट गया है। इस बार होने वाले चुनाव में नए सिरे से आरक्षण रोस्टर को तैयार कर लागू किया जाएगा, जिसके लिए जल्द ही कार्य शुरू होगा। बताया जा रहा है कि रिजर्वेशन रोस्टर को हर 15 साल बाद बदला जाता है। इससे पहले आरक्षण रोस्टर को 2010 में लागू किया गया था।

नवंबर-दिसंबर में होने वाले चुनाव में 2011 की जनसंख्या को आधार मान कर ही आरक्षण रोस्टर को तैयार किया जाएगा। इसमें भी ब्लॉक स्तर पर जनसंख्या को आधार मान कर रोस्टर को तैयार किया जाएगा। यानी जिस ब्लॉक में जिस समुदाय की अधिक जनसंख्या होगी, उसमें उसी के आधार पर सामान्य, ओबीसी, एसटी और एससी वर्ग के लिए पंचायतों में चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए सीटों का आरक्षण किया जाएगा।

जिला परिषद के वार्डों का परिसीमन का कार्य पूरा हो गया है। अब पंचायतों में होने वाले चुनाव के लिए आरक्षण रोस्टर को तैयार किया जाएगा। इसके लिए वर्ष 2011 में हुई जनगणना के आधार पर दर्ज जनसंख्या को ही आधार मानकर आरक्षण रोस्टर तैयार किया जाएगा।

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