
इस वर्ष अप्रैल महीने में सामान्य से बहुत कम बारिश हुई। वहीं, मई महीने में पिछले 15 वर्ष का रिकार्ड टूट गया। मई में सामान्य से 119 फीसदी बारिश अधिक हुई। बारिश में हो रहे बदलाव से तापमान और आर्द्रता का संतुलन भी बिगड़ रहा है।
गर्मी के मौसम में लगातार हुई बारिश किसानों के लिए भी आफत बन गई है। इससे फसलों को भी नुकसान झेलना पड़ा है। हर वर्ष मौसम में आ रहे बदलाव पारंपरिक कृषि-बागवानी के लिए खतरा बने गए हैं।
नौणी विवि के मौसम विज्ञान विभाग में मौजूद आंकड़ों के अनुसार सोलन में अप्रैल में सामान्य रूप से 43 मिलीमीटर बारिश होती है। इस बार 2.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जो न के बराबर है। मई में सामान्य रूप से 67.7 मिलीमीटर बारिश होती है।
इस वर्ष मई महीने में अब तक 148.8 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो सामान्य से 119 फीसदी अधिक हैं। मई गर्मी का महीना होता है,। इससे पहले वर्ष 2023 में मई महीने में 152.3 मिलीमीटर बारिश हुई थी। वर्ष 2021 में 148.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। इसके अलावा 2016, 2017, 2020 और 2022 में भी सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी।
तापमान में भी पड़ा असर
मौसम विज्ञान विभाग नौणी विवि के डॉ. एसके भारद्वाज ने बताया कि मई में इस बार सामान्य से 119 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। इसका असर तापमान पर भी पड़ा है। सामान्य तापमान अप्रैल में 2.3 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा जबकि मई महीने में 2 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया।
सापेक्षिक आर्द्रता की बात करें तो अप्रैल में सामान्य से 7 अंक कम रही। वहीं मई में जहां सामान्य सापेक्षिक आर्द्रता 48 फीसदी रहती है, वहीं इस बार आर्द्रता 60 फीसदी तक रही। यह पिछले 15 वर्षों में सबसे अधिक है।