देश-विदेश में स्वाद और गुणवत्ता के लिए मशहूर किन्नौर जिले का सेब अपनी एक अलग पहचान बनाए है। जिले के लोगों की आर्थिकी का मुख्य जरिया सेब है। जिले में इन दिनों सीजन जोरों पर है। इस वर्ष सेब के बेहतर दाम मिलने से बागवानों में खासी खुशी है। जिले से अब तक प्रदेश और देश की मंडियों में नौ लाख 55 हजार 398 पेटियां सेब भेजी जा चुकी हैं। गौरतलब है कि जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा, पूह और निचार खंड में सेब सीजन चरम पर है। बागवानों को घरद्वार पर ही सेब की प्रति पेटी के 1700 से 3000 रुपये दाम मिल रहे हैं। सेब का गिफ्ट पैक 1200 रुपये तक बिक रहा है। इसके चलते बागवानों के चेहरे खिले हैं। कल्पा, निचार और पूह खंड से देश और प्रदेश की मंडियों में नौ लाख 55 हजार 398 सेब पेटियां भेजी जा चुकी है। जिले से 53 हजार 703 पेटियां चांगो से वाया मनाली होते हुए मंडियों में भेजी गईं। इस वर्ष जिले में करीब 24 लाख पेटियां उत्पादन का अनुमान रहा है, जबकि बीते वर्ष जिले में 41 लाख 66 हजार 200 पेटियां सेब उत्पाद हुआ था। इस वर्ष करीब 17 लाख पेटियां कम उत्पादन होगा। इसके लिए सीधे तौर पर मौसम की मार कारण बताया जा रहा है। मौसम में आई तबदीली और तापमान में हुए फेरबदल के कारण सेब की फसल बीते वर्षों के मुकाबले कम होगी। जिले में फ्लावरिंग के समय तापमान गिरने के कारण सेब की फसल प्रभावित हुई थी। हालांकि कम फसल होने के बावजूद जिले के बागवानों को सेब के बेहतर दाम मिल रहे हैं। बागवान कुलदीप नेगी, महेंद्र नेगी, अरुण नेगी, दीपक नेगी, दिव्या नेगी, राजकमल नेगी, सुरजीत नेगी का कहना है कि इस वर्ष जिले में सेब का उत्पादन कम हुआ है, लेकिन बागवानों को मंडी में सेब के बेहतर दाम मिल रहे हैं, जिससे उनके चेहरे खिले हुए हैं