मनाली से रोहतांग दर्रा वाया अटल टनल रोहतांग होकर चलाई जा रही बस सेवाओं को सवारी नहीं मिलने के कारण बंद कर दिया गया है।
कुल्लू जिले में शुरू हुई बरसात से समय से पहले पर्यटन कारोबार ठप हो गया है। मई से जुलाई तक चलने वाला पर्यटन सीजन इस बार एक माह भी नहीं चल पाया है। इसका असर न केवल होटल इंडस्ट्री पर बल्कि एचआरटीसी पर भी पड़ा है।
निगम ने मनाली से रोहतांग दर्रा वाया अटल टनल रोहतांग होकर चलाई जा रही बस सेवाओं को सवारी नहीं मिलने के कारण बंद कर दिया है। निगम पांच इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कर रहा था, मगर जुलाई माह से एक भी सवारी नहीं मिल रही है। 25 जून को कुल्लू घाटी में बंजार से लेकर मनाली के अटल टनल रोहतांग के साउथ पोर्टल की स्नो गेलरी के पास बादल फटा था।
निगम द्वारा चलाई जा रही इलेक्ट्रिक बसों से सैलानियों को रोहतांग दर्रा के दीदार के लिए परमिट लेने के झंझट से मुक्ति मिलती थी। क्योंकि एनजीटी ने रोहतांग दर्रा के लिए मात्र 1,200 वाहनों को अनमुति दी है और इसके लिए भी परमिट लेना अनिवार्य किया है। एचआरटीसी की इलेक्ट्रिक बस द्वारा सैलानियों को गुलाबा, मढ़ी, ग्रांफू, कोकसर, अटल टनल रोहतांग व सोलंगनाला का दीदार करवाया जाता है।
इन दिनों जिले में पर्यटकों की ऑक्यूपेंसी में 90 से 95 फीसदी की कमी आई है और बंजार के सोझा, जिभी, तीर्थन, शांघड़, मणिकर्ण घाटी व मनाली के तमाम पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं। एचआरटीसी कुल्लू के अड्डा प्रभारी खूब राम ने कहा कि बसों को सवारियां नहीं मिल रही थीं। ऐसे में निगम ने इलेक्ट्रिक बस सेवा को रोहतांग दर्रा के लिए बंद कर दिया है। इस बार के पर्यटन सीजन में एचआरटीसी को ज्यादा लाभ नहीं हुआ है।