त्रियुगीनारायण को वैदिक पर्यटन गांव के रूप में विकसित करने की तैयारी है। वहीं केदारखंड मंदिर मिशन का मास्टर प्लान मानसखंड तर्ज पर बनेगा। रोजगार के लिए स्थानीय युवाओं के समूह बनाकर कैंपिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, रुद्रप्रयाग जिले में शिव-पार्वती का विवाह स्थल त्रियुगीनारायण को वैदिक पर्यटन गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वैदिक पर्यटन गांव घोषित करने की कार्रवाई की जाए।
सोमवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद सभागार में पर्यटन मंत्री महाराज ने विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा, त्रियुगीनारायण मंदिर वेडिंग डेस्टिनेशन में रूप में उभर रहा है। इस स्थान की पौराणिक कथाओं व प्राकृतिक सुंदरता को देखते हुए वैदिक पर्यटन गांव घोषित किया जाए। प्रदेश के विभिन्न पर्यटक व ट्रैकिंग रूटों पर स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए कैंपिंग का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई जाए। उन्होंने मानसखंड मंदिर माला मिशन की तर्ज पर केदारखंड मंदिर मिशन का मास्टर प्लान तैयार किया जाए।
महाराज ने कहा, अगले वर्ष नंदा राजजात यात्रा होनी है। इसके लिए समय पर सभी काम पूरे करने के साथ कुरुड़ को यात्रा पड़ाव में शामिल करें। शीतकालीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए अभी से तैयारी करने के साथ प्रचार प्रसार किया जाए। चारधाम यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। कुमाऊं मंडल के पर्यटक आवास गृहों में ईवी चार्जर लगाने के साथ राज्य में अवैध रूप से चल रहे होटल व रिसोर्ट के पंजीकरण के लिए अभियान चलाया जाए।
पर्यटन विकास के लिए 48,676 लाख योजनाएं स्वीकृत की गई है। महासू देवता हनोल में 2246.76 लाख की राशि से वीआईपी लॉन्ज, धर्मशाला, यज्ञशाला, दुकानों और पवेलियन समेत 10 से अधिक निर्माण चल रहे हैं। इसके अलावा मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत 28 मंदिरों को विकास करने के लिए चयनित किया गया है। पहले चरण में 16 मंदिरों में अवस्थापना विकास 51.14 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। कैंची धाम परिसर विकास योजना के तहत 40.81 करोड़ की परियोजनाओं पर कार्य तेजी से चल रहा है।
केंद्र सरकार की चैलेंज बेस्ट डेस्टिनेशन डेवलपमेंट योजना के तहत 17.59 करोड़ की मंजूरी मिल गई है। डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए वेड इन उत्तराखंड-2025 प्रोजेक्ट शुरू किया गया। इसके तहत थानों टिहरी, त्रियुगीनारायण और ऋषिकेश में अवस्थापना विकास की योजनाएं बनाई गई है।