आपदा के बाद नुकसान के आकलन और मुआवजे में अनियमितता बरतने के मामले में मणिकर्ण पटवार सर्कल के पटवारी को निलंबित कर दिया गया है। पिछले दिनों उपायुक्त आशुतोष गर्ग मणिकर्ण घाटी के दौरे पर गए थे। इस दौरान लोगों ने मुआवजे में अनियमितताएं बरतने की शिकायत की थी। इसके बाद छानबीन में पाया गया कि पटवारी की रिपोर्ट में कुछ मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त बताए गए थे, जबकि मौके पर मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त नहीं थे। इसके साथ ही मुआवजा रिहायश वाले मकानों को मिलना था, लेकिन रिपोर्ट में कुछ बिना रिहायश वालों को भी रिहायश में शामिल करने की बात सामने आई। निजी भूमि पर बने घरों का ही मुआवजा मिलना था। कुछ सरकारी भूमि पर बने मकानों का मुआवजा दिलाने का अंदेशा भी प्रशासन को लगा। सभी तथ्यों को जांचने के बाद अब विभाग की ओर से मणिकर्ण पटवार सर्कल के पटवारी को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि इस तरह की अनियमितताएं अन्य क्षेत्रों में होने की आशंका को देखते हुए अब एडीएम ने सैंज व बंजार का भी दौरा किया है। अनियमितताएं पाई गईं तो अन्य पर भी कार्रवाई हो सकती है। जिला राजस्व अधिकारी गणेश ठाकुर ने कहा कि मुआवजे को लेकर बरती गई अनियमितताओं के लिए मणिकर्ण पटवार सर्कल के पटवारी को निलंबित किया गया है। जांच का जिम्मा तहसीलदार रिकवरी को सौंपा गया है। रिपोर्ट आने के बाद निलंबन को लेकर आगामी कदम उठाया जाएगा।