हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में एसआईटी ने अब 10 अधिकारियों, कर्मचारियों और कारोबारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। एसआईटी ने इस मामले से जुड़े ढाई लाख आईडी का रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिया है। दस अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति दो करोड़ रुपये से ज्यादा है। राजस्व विभाग और बैंकों से इनकी डिटेल मांगी गई है। आरोप तय होने पर इनकी संपत्तियां भी जब्त की जा सकती हैं। 2,500 करोड़ रुपये के इस घोटाले में अब तक 19 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोपी अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट के चक्कर काट रहे हैं, जहां से इनकी जमानत रद्द हो रही है। मामले की मुख्य आरोपी सुभाष, हेमराज, सुखदेव और अभिषेक की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। इसके अलावा 8 एजेंटों का रिकाॅर्ड खंगालने के बाद प्लॉट और फ्लैट अटैच किए जा चुके हैं। अब तक आरोपियों की 19 करोड़ रुपये की सीज की जा चुकी है। इस मामले के दो मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। एक आरोपी हिमाचल छोड़कर दुबई भागा है जबकि क्रिप्टोकरेंसी ठगी का साॅफ्टवेयर तैयार करने वाला आरोपी मेरठ में छिपा है। इस आरोपी को पकड़ने के लिए भी हिमाचल पुलिस ने उत्तर प्रदेश की पुलिस से सहयोग मांगा है। डीआईजी अभिषेक दुल्लर ने बताया कि ढाई लाख आईडी का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। इसमें कुछ ऐसे अधिकारी, कर्मचारी और कारोबारी ऐसे हैं, जिनकी संपत्तियां दो करोड़ से ज्यादा हैं। इसकी जांच की जा रही है।