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कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी हावी है और कांग्रेस पार्टी स्वयं ही अनेकों खेमों में बंट गई है। देखना यह है कि कौन सा खेमा किस खेमे को ध्वस्त करेगा।
लंबे समय से कांग्रेस पार्टी और सरकार में तालमेल की बड़ी कमी देखने को मिली है जिसको लेकर कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अनेकों बयान पूर्व में जनता के समक्ष आए है। जब ताजमहल की कमी हो तो अच्छा तो बनती ही है यह स्वाभाविक है।
कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है कि मंत्री विक्रमादित्य की तलवार कांग्रेस के किसी भी खेमे पर कभी भी गिर सकती है।
बौखलाए कांग्रेस के मंत्री, की लहूलुहान जैसी अशोभनीय बात। उन्होंने कहा कि बयान से तो ऐसा लग रहा था कि बौखलाहट में दिया गया है, अगर बौखलाहट में भी इस प्रकार के बयान दिए जा रहे हैं तो वह अशुभनीय है इस प्रकार की बातें इस शांतिप्रिय प्रदेश में नहीं चलती है। एक बात तो स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी के नेता भाजपा की शक्ति को देखकर घबरा तो गए हैं, तीन राज्यों में बड़ी जीत और उसके बाद अनेकों अभिनंदन सभाएं।
नड्डा दौरे से कांग्रेस में खलबली, कांग्रेस को किया एक्सपोज। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दौरा सफल रहा है और जिस प्रकार से उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया है कि केंद्र ने 1782 करोड रुपए हिमाचल को भेजे हैं और वह भी आपदा के लिए इसके बाद कांग्रेस पार्टी को समझ नहीं आ रहा है कि केंद्र सरकार के खिलाफ वातावरण कैसे खड़ा किया जाए।
कांग्रेस को पता है असलियत, लोक सभा में जीतेगी भाजपा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की एक-एक नेता को पता है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी हिमाचल में चारों सीटों पर विजय प्राप्त करेगी और केवल मात्र कांग्रेस पार्टी अपनी छवि को सुधारने का असफल प्रयास कर रही है।
जिस प्रकार वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के लिए सवाल खड़ा कर रहे हैं वह भी गलत है सबको पता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष कितनी बार हिमाचल आए शायद कांग्रेस पार्टी को अपने देखने का नजरिया बदलना होगा।