# निर्माणाधीन फोरलेन प्रोजेक्ट के नुकसान की इंश्योरेंस कंपनियां करेंगी भरपाई|

कीतरपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन स्थानों पर जहां-जहां बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई इंश्योरेंस कंपनियां करेंगी। यह भरपाई सिर्फ उन्हीं स्थानों पर हुए नुकसान की की जाएगी जहां पर प्रोजेक्ट का कार्य पूरा नहीं हुआ है और निर्माण कार्य चल रहा है। जहां पर प्रोजेक्ट का कार्य पूरा हो चुका था और वहां पर जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई एनएचएआई खुद कर रहा है।

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरूण चारी ने बताया कि कंपनी को प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले उसकी इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य होती है। इसलिए जब तक प्रोजेक्ट बनकर तैयार नहीं हो जाता और उस दौरान आपदा के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई का जिम्मा इंश्योरेंस करने वाली कंपनी का बनता है।

जहां-जहां निर्माण कार्य चल रहा है वहां-वहां पर संबंधित कंपनियों ने इंश्योरेंस कंपनियों को सूचित करके नुकसान के आंकलन का कार्य शुरू करवा दिया है। मंडी जिला में फोरलेन प्रोजेक्ट का अधिकतर भाग अभी निर्माणाधीन ही है। इसलिए यहां पर जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा की जाएगी। चारी ने बताया कि टकोली से लेकर कुल्लू सेक्शन तक का भाग बनकर तैया हो गया था और उसके बाद वहां पर नुकसान हुआ है। यह नुकसान 100 करोड़ आंका गया है। दोबारा से इसका आंकलन करवाया जा रहा है।

बता दें कि मंडी जिला में जहां पर प्रोजेक्ट को ज्यादा नुकसान हुआ है वो मंडी से लेकर टकोली तक का भाग है। इसमें मुख्य रूप से दो कंपनियां काम कर रही हैं जिसमें पहला कार्य नागचला से लेकर पंडोह तक केएमसी कंपनी कर रही है जबकि पंडोह बायपास टकोली प्रोजेक्ट का कार्य शाहपुरजी-पलोनजी और एफकॉन्स कर रही हैं।

पंडोह बायपास टकोली प्रोजेक्ट में टनलों के माध्यम से ही सारा फोरलेन जा रहा है और यहीं पर ही सबसे ज्यादा नुकसान भी हुआ है। यह प्रोजेक्ट अभी निर्माणाधीन है और आपदा के कारण अभी इसके निर्माण कार्य को पूरा होने में लंबा समय लग सकता है।

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