# डेढ़ साल से पड़े हैं लोहे के स्तंभ, नहीं बन पाया भव्य गेट|

Iron pillars have been lying for one and a half years, grand gate could not be built

बिझड़ी (हमीरपुर)। उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के बैरियर नंबर दो में एक वर्ष बीत जाने के बाद भी भव्य गेट का निर्माण नहीं हो पाया है। डेढ़ वर्ष पूर्व बीएसएनएल कंपनी की ओर से गेट निर्माण का कार्य शुरू करने के लिए सड़क किनारे लोहे के स्तंभों को फेंका गया है।

इससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं सहित स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों राकेश कुमार, प्रदीप, सोमनाथ, कांता देवी, रवीना आदि ने कहा कि डेढ़ वर्ष पूर्व बीएसएनएल कंपनी की ओर से बैरियर नंबर दो पर एक भव्य गेट का निर्माण किया जाना था। इसके लिए लोहे के स्तंभों को यहां पर रखा गया है लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी न तो गेट बन पाया और न लोहे के स्तंभों को सड़क किनारे से हटाया गया।

अक्सर शनिवार-रविवार को बाबा बालक नाथ मंदिर में काफी भीड़ होती है। इस दौरान सड़क पर जाम के हालात बने रहते हैं, क्योंकि बैरियर नंबर दो के पास पार्किंग की भी सुविधा नहीं है। ऐसे में वाहनों को पास देते समय चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने मंदिर न्यास से गेट का निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की है। इस बारे में एसडीएम बड़सर रोहित शर्मा ने कहा कि बैरियर नंबर दो पर एक भव्य गेट का निर्माण किया जाना था लेकिन वहां पर कुछ विवाद होने के चलते यह गेट नहीं बन पाया। जल्द ही इन बड़े-बड़े लोहे के स्तंभों को वहां से हटा दिया जाएगा, ताकि वहां पर यातायात की कोई समस्या पैदा न हो।

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