शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में तैनात डेढ़ हजार से अधिक डीपीई (डेमोस्ट्रेटर ऑफ फिजिकल एजूकेशन) को बड़ी राहत दी है। अदालत ने उन्हें सभी सेवा लाभों के लिए प्रवक्ता की श्रेणी में गिने जाने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं कि दो माह के भीतर डीपीई को प्रवक्ता की श्रेणी में लाने के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाए जाएं। अदालत ने स्पष्ट किया कि डीपीई वरीयता का लाभ पाने के हकदार भी होंगे। डीपीई भर्ती नियमों के अनुसार उन्हें इस पद से सहायक निदेशक के पद पर पदोन्नत किया जा सकता है। मामले से जुड़े तथ्यों और रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद अदालत ने कहा कि शिक्षा विभाग समान स्थिति वाले कर्मचारियों के साथ भेदभाव नहीं कर सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि जमा एक और दो कक्षाओं में शारीरिक शिक्षा पढ़ाने वाले शिक्षकों पर 1973 के भर्ती नियम लागू नहीं होते हैं।