# अनाथ विद्यार्थियों को कोचिंग देने वाले संस्थान चयनित करने के लिए कमेटी गठित|

Committee constituted to select institutions providing coaching to orphan students

प्रदेश के अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राज्य सरकार कोचिंग दिलाएगी। मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में आने वाले अनाथ बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।

हिमाचल प्रदेश के अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राज्य सरकार कोचिंग दिलाएगी। मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में आने वाले अनाथ बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। इसी कड़ी में देश और प्रदेश के विभिन्न शहरों में कोचिंग देने वाले संस्थान चयनित करने को कमेटी गठित कर दी है। सोमवार को राजपत्र में इस बाबत अधिसूचना जारी की गई।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में अनाथ बच्चों को कोचिंग दिलाने के लिए संस्थान चयनित को एक कमेटी का गठन कर दिया है। सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता की अध्यक्षता में गठित कमेटी में सचिव वित्त, सचिव शिक्षा, सचिव तकनीकी शिक्षा और अन्य पिछडा वर्ग के निदेशक को सदस्य नियुक्त किया गया है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक को कमेटी को सदस्य सचिव बनाया गया है। यह कमेटी देश और प्रदेश के विभिन्न शहरों में कोचिंग संस्थानों का चयन करेगी। इन संस्थानों में अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए निशुल्क कोचिंग दिलाई जाएगी।

कोचिंग सहित बच्चों के रहने और खाने-पीने का सारा खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। हिमाचल के अनाथ बच्चों को सरकार ने 18 की बजाय 27 वर्ष तक शिक्षा मुहैया करवाने का फैसला लिया है। इन बच्चों की बेहतर शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार ने ली है। सरकार की ओर से 101 करोड़ रुपये की राशि मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष के लिए आवंटित की गई है। प्रदेश में हजारों छात्र अनाथ हैं, इन्हें चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा दिया गया है।

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