अमर उजाला से बातचीत में अभिनेता नाना पाटेकर ने बताया कि 32 साल पहले वे कोहराम फिल्म की शूटिंग के लिए शिमला आए थे। उस समय पहाड़ बर्फ से ढके थे। इस बार बर्फबारी देखने को नहीं मिली। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बर्फबारी हो।
हिल्सक्वीन शिमला में बर्फबारी न होने से बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर निराश हैं। 17 दिन से नाना पाटेकर यहां शूटिंग कर रहे है। अभी तक बर्फ देखने को नहीं मिली है। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने बताया कि 32 साल पहले वे कोहराम फिल्म की शूटिंग के लिए शिमला आए थे। उस समय पहाड़ बर्फ से ढके थे। इस बार बर्फबारी देखने को नहीं मिली। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बर्फबारी हो।
शिमला में आकर उनका दिल लगता है। यहां बार- बार आने का मन करता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात हुई। उनसे मिलकर अच्छा लगा। गणतंत्र दिवस राष्ट्रपति निवास में जवानों के साथ मनाया। उन्होंने कुछ साल सेना में गुजारे हैं। यहां जवानों से मिलकर यादें ताजा हुईं। शिमला में शूटिंग करते समय परेशानी नहीं होती है। ठंड से दिक्कत हो रही है।
ठंड में नाक से भी खून निकलने लगता है। काम करते हुए कई बार थकान हो जाती है। नान पाटेकर ने कहा कि भी बूढ़ा नहीं हुआ हूं। फिल्मों में काम करने से सुकून मिलता है। अभिनय से जब तक आनंद मिलता रहेगा, फिल्मों में काम करूंगा। शूटिंग से ब्रेक मिलने पर खाली समय में ताश खेलकर समय गुजारते हैं। –
शिमला में एक से बढ़कर एक कलाकार
नाना पाटेकर ने कहा कि स्थानीय कलाकारों को बड़ा मंच नहीं मिल पाता है। मुंबई जैसे शहर में रहना महंगा है। शिमला में एक से बढ़कर एक कलाकार है। शूटिंग के दौरान स्थानीय कलाकारों को मौका देना चाहिए। मुंबई से शिमला शूटिंग के लिए आना हो तो ज्यादा कलाकारों को साथ लाना मुश्किल है। इसलिए स्थानीय कलाकारों को फिल्मों में रोल देना चाहिए।
खाना बनाने के शौकीन हैं नाना
नाना पाटेकर को खाना बनाने का शौक है। दोस्तों को स्पेशल थाली में खाना भी खिलाते हैं। रविवार को उन्होंने रिज मैदान से शूटिंग खत्म होने पर मशोबरा में होटल जाते समय रास्ते में सब्जियां खरीदीं। इसके बाद होटल पहुंचकर खाना भी बनाया। सोमवार सुबह शूटिंग के लिए जाने से पहले चने की दाल और लौकी रात को बनाने के लिए रखकर आए। खाने में जिमीकंद पसंद है। खुद ही इसे बनाते है। नाना ने कहा कि बाहर का खाना कम खाते है। रविवार को समोसा और कचौड़ी मंगवाकर खाई।