अब हवाई अड्डे के विस्तारीकरण का कार्य आरंभ हो सकेगा। नागरिक उड्यन महानिदेशालय की ओर से तय नियामक मानकों तथा विस्तारित सुरक्षा उपायों के दृष्टिगत यह स्वीकृतियां आवश्यक थीं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि भुंतर हवाई अड्डे के विस्तार के लिए वन स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इससे कुल्लू घाटी की सुरम्य वादियों के प्रवेश द्वार के रूप में महत्वपूर्ण इस हवाई पट्टी के विस्तार का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के विस्तार के लिए वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत आवश्यक स्वीकृतियां सुनिश्चित करते हुए अब हवाई अड्डे के विस्तारीकरण का कार्य आरंभ हो सकेगा।
नागरिक उड्यन महानिदेशालय की ओर से तय नियामक मानकों तथा विस्तारित सुरक्षा उपायों के दृष्टिगत यह स्वीकृतियां आवश्यक थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू घाटी में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने में भुंतर हवाई अड्डे की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां तक हवाई सेवाओं के माध्यम से बड़ी संख्या में पर्यटक कुल्लू तथा लाहौल घाटी की सुंदर वादियों में आसानी से पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि अमृतसर से कुल्लू के लिए अब सीधी उड़ाने शुरू की गई हैं और ऐसे में देश-विदेश के यात्रियों को इस हवाई अड्डे के विस्तार से लाभ होगा।
प्रतिवर्ष पांच करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्प है और 50 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ वर्तमान सरकार ने पर्यटन क्षेत्र के लिए तीन हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि बागवानी और जलविद्युत के उपरांत पर्यटन क्षेत्र हिमाचल की आर्थिकी की रीढ़ है और इस प्रमुख क्षेत्र से हजारों परिवार जुड़े हुए हैं।
यही कारण है कि राज्य सरकार पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। इसके तहत आधारभूत ढांचे को मजबूत करते हुए प्रदेश में पर्यटकों के भ्रमण व ठहराव को यादगार बनाने के लिए उन्हें उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल में प्रतिवर्ष पांच करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।